बेंगलुरु, 25 नवंबर ( आईएएनएस): । 'ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड' (एआईएमपीएलबी) के प्रवक्ता डॉ. सैयद कासिम रसूल इलियास ने सोमवार को आईएएनएस से खास बातचीत की। उन्होंने वक्फ संशोधन विधेयक पर भी अपनी राय रखी।
वक्फ अधिनियम में संशोधन के लिए सरकार द्वारा विधेयक लाने पर एआईएमपीएलबी प्रवक्ता ने कहा कि इससे पहले संसद में वक्फ को लेकर जितने भी विधेयक आए थे, वे सब वक्फ बोर्ड को मजबूत करने के लिए थे। पहली बार वक्फ को कमजोर करने के लिए सरकार द्वारा विधेयक लाया गया है।
उन्होंने आरोप लगाया कि पहले वक्फ के जितने हितधारक थे, यानी मुसलमानों से परामर्श लिया गया था, लेकिन इस बार ऐसा नहीं किया गया। जब इसके खिलाफ आवाज उठाई गई तो संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के पास विधेयक भेज दिया गया। लेकिन जेपीसी में भी जिस तरह की कार्रवाई हो रही है, वह बहुत ही आपत्तिजनक है। ऐसा नहीं लग रहा है कि जेपीसी इसका कोई समाधान निकालने के लिए बनी है।
डॉ. इलियास ने कहा कि जेपीसी को 3.66 करोड़ मेल भेजे गए हैं। समिति के समक्ष संगठन ने अपना प्रेजेंटेशन भी दिया है। कई लोगों से बात की है। इन सबके बावजूद अगर विधेयक पास हो जाता है, तो एआईएमपीएलबी शांतिपूर्ण तरीके से पूरे देश में जन आंदोलन करेगा। पहले चरण में दिल्ली में बोर्ड और मुस्लिम तंजीम की ऑल इंडिया लीडरशिप धरना देगी। इसके बाद बाकी के प्रांतों में प्रदर्शन होगा।
वक्फ विधेयक पर संसद में चर्चा के दौरान तकरीर दी गई कि "संसद आपकी है और सड़क हमारी है"। इस पर एआईएमपीएलबी प्रवक्ता ने कहा कि अगर अदालत न्याय दे रही होती, तो यह मसला ही नहीं आता। हमारा यह कहना सिर्फ इस बात को दर्शाता है कि हम थक कर बैठे और हारे नहीं हैं। हम आत्मसमर्पण नहीं कर रहे हैं और अपनी लड़ाई लड़ेंगे। यह लड़ाई संविधान और कानून के दायरे में जन आंदोलन की लड़ाई होगी।
उन्होंने कहा कि "सड़क हमारी है", कहने का मतलब यह है कि अगर हम संसद में अपनी आवाज नहीं उठा सकते, तो सड़कों पर अपनी आवाज उठाएंगे।