अजय राय ने से कहा, "संभल मामले में आज सरकार ने आदेश जारी किया है कि पत्थरबाजों के पोस्टर लगाए गए थे और उनसे वसूली की जाएगी और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। मैं सरकार से यह कहना चाहता हूं कि जब सर्वे टीम को काम पर लगाया गया था, तो जिन लोगों ने वहां नारेबाजी की और गालियां दी, सरकार को पहले उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए, जिन्होंने माहौल को उकसाया और घटनाओं को बढ़ावा दिया। अगर ऐसा न होता, तो यह घटना कभी नहीं घटती। सरकार को उन लोगों के खिलाफ कठोर कदम उठाने चाहिए थे, ताकि माहौल बिगड़ने की स्थिति पैदा न होती। सरकार को पहले उन गाली देने वालों और नारे लगाने वालों को गिरफ्तार करके जेल भेजना चाहिए।"
उन्होंने कहा कि यह निश्चित रूप से सरकार की ओर से साजिश हो रही है, जो लोगों को परेशान कर रही है। उन्होंने कहा कि वह कांग्रेस पार्टी अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाने में उनका साथ देगी जिन्हें गलत तरीके से फंसाया गया है। आगामी 2 दिसंबर को पार्टी के कार्यकर्ता पूरी ताकत से से निकलेंगे और संभल चलेंगे।
झांसी अग्निकांड में प्रिंसिपल को हटाए जाने पर उन्होंने कहा, "लापरवाही हुई है, तो उसके जिम्मेदार कौन हैं? उन्हें सिर्फ हटाकर क्या कर लिया गया है? वह कई साल से वहां तैनात थे, जबकि वह अस्थायी थे, और साथ ही अपना निजी अस्पताल चला रहे थे। इस सबकी जानकारी हमें मिली है और अब उन्हें गिरफ्तार करके जेल भेजना चाहिए। बच्चों की मौत की जिम्मेदारी भी उन्हीं पर डालनी चाहिए। जो दस बच्चे जलकर मरे हैं, उसकी पूरी जिम्मेदारी उनकी है, क्योंकि वहां की सभी व्यवस्थाएं फेल हो गई थीं। मैंने अपनी आंखों से देखा था कि 2019 में जो अग्निशमन यंत्र वहां लगाए गए थे, वे दो साल बाद बेकार हो गए थे। प्रिंसिपल को बचाने की कोशिश की जा रही है, और पूरी सरकार इसमें लीपापोती कर रही है।"