बांग्लादेश : शिबचर में इस्कॉन केंद्र को जबरन कराया गया बंद

28 Nov, 2024 8:43 AM
बांग्लादेश के शिबचर में इस्कॉन केंद्र को जबरन बंद किया गया (लीड-1)
नई दिल्ली/कोलकाता, 28 नवंबर (आईएएनएस): । बांग्लादेश के शिबचर स्थित एक इस्कॉन सेंटर को कुछ लोगों ने जबरन बंद करा दिया।

यह कथित घटनाक्रम बांग्लादेश में इस्कॉन पुजारी चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद सामने आया है।

प्रत्यक्षदर्शियों के हवाले से मिली रिपोर्ट के अनुसार, इस्कॉन भक्तों को सेना के जवान एक वाहन में ले गए।

इस्कॉन कोलकाता के उपाध्यक्ष और प्रवक्ता राधारमण दास ने इस संदर्भ में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "शिबचर बांग्लादेश में इस्कॉन नमहट्टा केंद्र को मुसलमानों ने जबरन बंद कर दिया। सेना आई और इस्कॉन भक्तों को एक वाहन में ले गई।"

अपने एक्स पोस्ट के साथ राधारमण दास ने एक वीडियो भी शेयर किया, जिसमें एक स्थानीय इस्लामी समूह का नेता शिबचर में इस्कॉन कार्यालय को बंद करने की मांग करता हुआ दिखाई दे रहा है।

उन्होंने दावा किया कि वीडियो में यह भी दिखाया गया है कि कुछ लोग इस अंतरराष्ट्रीय आध्यात्मिक संस्था के संस्थापक की तस्वीर वाले इस्कॉन मंदिर के बोर्ड को हटाने में लगे हुए हैं।

इससे पहले, उन्होंने से कहा था कि चिन्मय कृष्ण की गिरफ्तारी पर बांग्लादेश सरकार की ओर से विदेश मंत्रालय को दिया गया जवाब बेहद निराशाजनक था।

ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस ने चिन्मय कृष्ण दास को सोमवार को हिरासत में लिया था। मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार देश के हिंदू समुदाय के खिलाफ ज्यादती जारी रखे हुए है।

चिन्मय कृष्ण को कृष्ण प्रभु दास के नाम से भी जाना जाता है, उन्हें ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस की डिटेक्टिव ब्रांच (डीबी) ने सोमवार (25 नवंबर) शाम 4:30 बजे हजरत शाहजलाल अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर हिरासत में लिया था।

चिन्मय कृष्ण बांग्लादेश जातीय हिंदू मोहजोत (बीजेएचएम) और इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस (इस्कॉन) से भी जुड़े हैं।

सोशल मीडिया पर चिन्मय कृष्ण की गिरफ्तारी की खबर फैलते ही चटगांव में विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गए थे। प्रदर्शन कर रहे लोगों ने उनकी तत्काल रिहाई की मांग की। प्रदर्शनकारियों ने शहर के चेरागी चौराहे पर मार्च किया और नारे लगाए तथा उनकी रिहाई की मांग की।

सोमवार देर शाम सोशल मीडिया पर कई ऐसे वीडियो वायरल हुए जिसमें बांग्लादेशी पुलिसकर्मियों को चेरागी चौराहे की ओर मार्च कर रहे प्रदर्शनकारियों को निशाना बनाते हुए दिखाया गया।

बता दें कि बांग्लादेश में 8 अगस्त को मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार के शपथ ग्रहण के बाद से हिंदू समुदाय पर बर्बरता, लूटपाट, आगजनी, भूमि हड़पने और देश छोड़ने की धमकियों की घटनाएं पेश आ रही हैं।

बांग्लादेश हिंदू-बौद्ध-ईसाई ओइक्या परिषद ने पहले यूनुस को एक 'खुला पत्र' भेजा था, जिसमें अल्पसंख्यकों के खिलाफ एक विशेष समूह की " हिंसा" पर "गहरा दुख और चिंता" व्यक्त की गई थी।

सौजन्य मीडिया ग्रुप: आईएएनएस



अस्वीकरण   इस वेबसाइट में मौजूद जानकारी केवल सामान्य सूचना उद्देश्यों के लिए है। जानकारी भास्करलाइव.इन द्वारा प्रदान की जाती है और जबकि हम जानकारी को अद्यतन और सही रखने का प्रयास करते हैं, हम पूर्णता, सटीकता, विश्वसनीयता, उपयुक्तता या उपलब्धता के संबंध में किसी भी प्रकार का व्यक्त या निहित कोई प्रतिनिधित्व या वारंटी नहीं देते हैं। किसी भी उद्देश्य के लिए वेबसाइट या वेबसाइट पर मौजूद जानकारी, उत्पाद, सेवाएँ या संबंधित ग्राफ़िक्स। इसलिए ऐसी जानकारी पर आपके द्वारा की गई कोई भी निर्भरता पूरी तरह से आपके अपने जोखिम पर है।

किसी भी स्थिति में हम किसी भी हानि या क्षति के लिए उत्तरदायी नहीं होंगे, जिसमें बिना किसी सीमा के, अप्रत्यक्ष या परिणामी हानि या क्षति, या इस वेबसाइट के उपयोग से या उसके संबंध में डेटा या लाभ की हानि से उत्पन्न होने वाली कोई भी हानि या क्षति शामिल है। .

हम उन साइटों की प्रकृति, सामग्री और उपलब्धता पर कोई नियंत्रण नहीं रखते हैं। किसी भी लिंक को शामिल करना अनिवार्य रूप से सिफारिश करने या उनमें व्यक्त विचारों का समर्थन करने का संकेत नहीं देता है।

यदि आप इस अस्वीकरण को स्वीकार करने के इच्छुक नहीं हैं तो हम समाचार पोस्ट को उसकी मूल भाषा में पढ़ने की सलाह देते हैं।




मुख्य समाचार


 

 

Scroll to Top