उन्होंने अपने अनुभवों को याद करते हुए कहा, “प्रियंका जी के साथ मैंने काम किया है और इस अनुभव ने मुझे यह विश्वास दिलाया है कि उनमें अद्वितीय और असाधारण क्षमता है, खासकर संवाद और लोगों से जुड़ने की। उनकी यह विशेषता उन्हें एक बेहतरीन नेता और संसद में प्रभावी भूमिका निभाने के लिए पूरी तरह से सक्षम बनाती है। मुझे पूरा यकीन है कि वह संसद में एक योग्य और सक्षम सदस्य के रूप में अपने योगदान से सबको प्रभावित करेंगी। उनके पास न सिर्फ नेतृत्व की क्षमता है, बल्कि उनके विचार और दृष्टिकोण संसद में जरूरी बदलाव और विकास लाने में सहायक होंगे।”
उन्होंने आगे कहा, “इसके अलावा, मुझे पूरी उम्मीद है कि वह राहुल जी के नेतृत्व में उनके साथ मिलकर काम करेंगी और सोनिया जी के विचारों और सपनों को पूरा करने में मदद करेंगी। प्रियंका जी का समर्पण और संघर्ष उन्हें देश के लिए एक प्रेरणास्त्रोत बनाएंगे। उनकी योग्यताएं और कार्यशैली उन्हें एक मजबूत और प्रभावी सांसद के रूप में स्थापित करेंगी। मुझे यकीन है कि देश में उनकी प्रतिभा को पहचाना जाएगा और वह संसद में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी। यह उनके लिए कोई नई बात नहीं है, क्योंकि वह हमेशा से ही खुद को साबित करती आई हैं।”
उल्लेखनीय है कि प्रियंका गांधी ने लोकसभा सदस्य के रूप में शपथ ली।
शपथ ग्रहण के दौरान प्रियंका गांधी ने कहा, "मैं प्रियंका गांधी वाड्रा, जो लोकसभा की सदस्य निर्वाचित हुई हूं, सत्य निष्ठा से यह शपथ लेती हूं कि मैं विधि द्वारा स्थापित भारत के संविधान के प्रति सच्ची श्रद्धा और निष्ठा रखूंगी। मैं भारत की प्रभुता और अखंडता को अक्षुण्ण रखूंगी और जिस पद को मैं ग्रहण करने वाली हूं, उसके कर्तव्यों का श्रद्धापूर्वक निर्वहन करूंगी। जय हिंद।"
सांसद पद की शपथ लेने के दौरान प्रियंका गांधी के हाथ में भारतीय संविधान की एक कॉपी थी। यह पल प्रियंका गांधी के लिए एक ऐतिहासिक था।
बता दें कि केरल की वायनाड लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भारी अंतर से जीत दर्ज की है। उन्होंने कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया के उम्मीदवार सत्यन मोकेरी को 4,10,931 वोटों के अंतर से हराया है। प्रियंका गांधी को 6,22,338 और सत्यन मोकेरी को 2,11,407 वोट मिले हैं। वहीं, भाजपा उम्मीदवार नव्या हरिदास 1,09,939 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहीं।