मुंबई, 29 नवंबर ( आईएएनएस): । कांग्रेस नेता भाई जगताप ने चुनाव आयोग पर विवादित टिप्पणी की है। उन्होंने चुनाव आयोग की तुलना कुत्ते से कर डाली। कांग्रेस नेता भाई जगताप ने शुक्रवार को न्यूज एजेंसी आईएएनएस से बातचीत करते हुए कहा कि मैंने 45 से अधिक साल राजनीति में निकाले हैं और महाराष्ट्र में इस तरह के नतीजे आए हैं। जबकि, इन्होंने ऐसा कुछ काम नहीं किया है। मैं पहले से कहता आया हूं कि आज नहीं तो कल इस पर बातचीत होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने मांग की है चुनाव बैलेट पेपर से हो। हमारा लोकतंत्र विश्व में सबसे बड़ा लोकतंत्र है। उस लोकतंत्र पर कोई सवाल उठाता है तो इसका जवाब इलेक्शन कमीशन और सरकार को देना चाहिए। चुनाव आयोग तो कुत्ता है। कुत्ता बनकर नरेंद्र मोदी जी के बंगले के बाहर बैठता है।
कांग्रेस नेता भाई जगताप ने कहा कि सभी एजेंसियां जो हमारे लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए बनाई गई है दुर्भाग्य से उसका गलत इस्तेमाल करके महाराष्ट्र ही नहीं पूरे देश में जो कांड हो रहे हैं। कांड शब्द मैं इसलिए इस्तेमाल कर रहा हूं क्योंकि, जो लोग इनके पास गए और मंत्री पद के लिए झगड़ा कर रहे हैं। इन लोगों के ऊपर आरोप तो लगा था। वो इनके पास गए और इनकी धुलाई मशीन में सब साफ हो गए। महाराष्ट्र में ही नहीं, बल्कि हर राज्य में इन्होंने ऐसा किया है। ये लोकतंत्र के लिए घातक है। आप बैलेट पर आइए, अगर आपको विश्वास है अपने नेतृत्व के ऊपर। नरेंद्र मोदी जी को जब विश्वास है अपने नेतृत्व के ऊपर। विदेशों में भाड़े के लोग भेजकर मोदी-मोदी करते हैं। यहां भी मोदी-मोदी करते हैं। आपको विश्वास है कि आपका नेतृत्व देश की जनता मानती है तो एक बार हो जाए। अगर आपको यकीन है तो आप डरते क्यों है। बैलेट पेपर पर चुनाव कराएं और देश के 150 करोड़ लोगों को मैसेज दे दीजिए की ये सच्चाई है।
उन्होंने कहा कि मैंने ये नहीं कहा कि ईवीएम हैक किया गया। मैं कह रहा हूं कि ईवीएम सेट और टेंपर की गई है। दोनों शब्द अलग-अलग है। ये कोई बहुत बड़ी बात नहीं है। इन्होंने सबसे पहली कोशिश मध्य प्रदेश में की। जहां इनको (भाजपा) कामयाबी भी मिली। आपको याद होगा कि इनका मध्य प्रदेश में महाराष्ट्र जैसे हाल था। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को यहां पर लैंडस्लाइड विक्ट्री मिली थी। विधानसभा चुनाव में क्या हाल हुआ आपने देखा। मध्य प्रदेश में व्यापमं जैसा घोटाला हुआ था, उसके सभी 32 गवाह की हत्या हुई है। ये हश्र है इस देश के लोकतंत्र का। इससे कहीं ना कहीं आशंका पैदा होती है।
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