मुसलमानों को मताधिकार न देने की टिप्पणी मामला, वोक्कालिगा महंत के खिलाफ एफआईआर दर्ज

29 Nov, 2024 12:52 PM
मुसलमानों को मताधिकार न देने की टिप्पणी मामला, वोक्कालिगा महंत के खिलाफ एफआईआर दर्ज
बेंगलुरु, 29 नवंबर (आईएएनएस): । वोक्कालिगा संत कुमार चंद्रशेखरनाथ स्वामी के खिलाफ भारत में मुसलमानों को मताधिकार से वंचित करने संबंधी विवादास्पद टिप्पणी को लेकर कर्नाटक पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है।

पुलिस ने शुक्रवार को ये जानकारी दी।

बेंगलुरु में उप्परपेट पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 299 के तहत इस संबंध में एक शिकायत के बाद एफआईआर दर्ज की।

शिकायत में कहा गया है कि संत का बयान भड़काऊ है और समाज में सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने वाला है।

कुमार चंद्रशेखरनाथ स्वामी ने मंगलवार को कहा था को भारत में मुसलमानों को मताधिकार से वंचित करने संबंधी दिए गए बयान ने कर्नाटक में विवाद खड़ा कर दिया है।

वह विश्व वोक्कालिगा महासमस्तन मठ के प्रमुख हैं और यह बयान मंगलवार को बेंगलुरु में भारतीय किसान संघ द्वारा आयोजित एक विरोध प्रदर्शन में दिया गया था। ये राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़ा एक किसान संगठन है, जो वक्फ बोर्ड द्वारा किसानों को दिए गए नोटिस की निंदा करता है।

स्वामी ने कहा था, “राजनेता वोट बैंक की राजनीति और मुसलमानों के तुष्टिकरण में लिप्त हैं। इसलिए, मुसलमानों को उनके मतदान के अधिकार का प्रयोग करने से वंचित किया जाना चाहिए। ऐसा किया जाना चाहिए और वोट बैंक की राजनीति का अंत देश को प्रगति के पथ पर अग्रसर करेगा।”

स्वामी ने कहा कि पाकिस्तान में, मुस्लिम बहुसंख्यकों को छोड़कर अन्य धर्मों के लोगों के पास वोट देने का अधिकार नहीं है और उन्होंने कहा कि अगर भारत में इसे अपनाया जाता है, तो मुसलमान खुद को अलग रखेंगे और देश में शांति होगी। उन्होंने कहा, “हर कोई शांति से रह सकता है।”

स्वामी की टिप्पणी वायरल हो गई और राज्य में हंगामा मच गया।

गुरुवार को स्वामी ने अपनी टिप्पणी पर खेद व्यक्त किया और कहा कि मुसलमान भारतीय नागरिक हैं और किसी अन्य देश के नहीं हैं।

महंत ने अपने बयान में कहा कि उनकी जुबान फिसल गई थी।

महंत ने कहा, "फोरम का उद्देश्य वक्फ बोर्ड से परेशान किसानों की समस्याओं को संबोधित करना था। इस पृष्ठभूमि में मैंने यह टिप्पणी की। यह जुबान फिसलने की वजह से हुआ। मुझे यह बयान नहीं देना चाहिए था। मुसलमान भारतीय नागरिक हैं और वे किसी दूसरे देश के नहीं हैं। मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि इस मामले को यहीं खत्म कर दें और इसे आगे न बढ़ाएं।"



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