नितेश राणे ने शुक्रवार को एक वीडियो जारी कर कहा, "हमारे हिंदू राष्ट्र में हर जमीन पर अधिकार सिर्फ हिंदू समाज का है। अजमेर की दरगाह के नीचे हिंदू मंदिर है, यह दावा हिंदू पक्ष ने रखा था। उस याचिका को कोर्ट ने स्वीकारा है। कोर्ट के इस कदम का मैं स्वागत करता हूं। जो हमारे हिंदू समाज का था, वह हमारे हिंदू समाज का होकर ही रहेगा।"
उल्लेखनीय है कि अजमेर की एक सिविल अदालत ने बुधवार को सूफी संत ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह में संकट मोचक महादेव मंदिर की स्थिति से संबंधित याचिका को स्वीकार करते हुए सभी संबंधित पक्षों को नोटिस जारी किया है। इस मामले में अगली सुनवाई 20 दिसंबर को निर्धारित की गई है।
यह याचिका हिंदू सेवा के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता द्वारा वकील शशि रंजन कुमार सिंह के माध्यम से 26 सितंबर को दायर की गई थी। इस याचिका में दरगाह के नीचे हिंदू मंदिर होने का दावा किया गया है।
इससे पहले अजमेर दरगाह मामले पर भाजपा नेता अरुण चतुर्वेदी ने कहा था कि इतिहास को बहुत बुरी तरह तोड़ा गया और सदियों तक हिंदू मंदिरों पर योजनाबद्ध तरीके से हमले हुए। इसके बाद कहीं न कहीं इसे मस्जिद या किसी मजार का रूप दिया गया। कई लोगों ने इतिहास को बदलने और छिपाने का प्रयास किया। लेकिन, इस विषय पर न्याय प्रक्रिया में सभी को विश्वास है।