इस बीच, प्रश्न काल में कांग्रेस विधायक अजीत शर्मा ने पूछा, “18 लाख स्मार्ट मीटर में से कितने की जांच की गई।”
इस पर मंत्री ने जवाब दिया कि आप हमें बताइए कि कितने मीटर खराब हैं। जब इंसान बीमार पड़ सकते हैं, तो मीटर क्यों नहीं?
वहीं, सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले विपक्षी दलों के विधायक पोस्टर बैनर लेकर विरोध प्रदर्शन करते दिखे।
इस दौरान राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के विधायकों ने राबड़ी देवी की अगुवाई में विरोध प्रदर्शन किया।
राबड़ी देवी ने पत्रकारों से कहा, “इस सरकार में बेरोजगार युवाओं को रोजगार नहीं मिला है। अगर यह सरकार बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने की दिशा में पूरी तरह से असमर्थ है, तो फिर सरकार का क्या मतलब रह जाता है।”
उन्होंने आगे कहा, “जनता मतदान करके सरकार का चयन करती है, ताकि उनके हितों में कदम उठाने वाला कोई हो। लेकिन, ऐसा कोई भी कदम नहीं उठाया गया।”
कम्युनिस्ट पार्टी के नेता महबूब आलम ने कहा कि इस सरकार में लूट है। इस सरकार को जनता के हितों से कोई लेना- देना नहीं है।
महागठबंधन से जुड़े विधायकों ने कहा कि नया स्मार्ट मीटर लगाने से बिजली के बिल और ज्यादा आने लगे हैं। इससे सबसे ज्यादा परेशानी गरीबों को रही है। लेकिन, सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी हुई है।
विपक्षी विधायकों का कहना है कि यह पता ही नहीं चल पाता है कि रिचार्ज कब खत्म हो जाता है। बिजली कब कट जाती है। बिजली कम खपत होती है। लेकिन, बिल बहुत ज्यादा आ रहा है। इससे आम लोगों को आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। लेकिन, सरकार ऐसे व्यवहार कर रही है, जैसे उसे इससे कोई लेना देना ही नहीं है।