पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में आठ राज्यों के मंडप और एक ग्रामीण हाट बाजार होगा। कार्यक्रम में प्रत्येक सभी आठ राज्यों से 40-40 कारीगर और किसान शामिल होंगे। इन मंडपों से दो करोड़ रुपये का कारोबार होने की उम्मीद की जा रही है। इसके अलावा, क्रेता-विक्रेता बैठक से एक करोड़ रुपये का कारोबार होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस कार्यक्रम का उद्घाटन करेंगे। इसमें ग्रामीण शिल्प को वैश्विक बाजार से जोड़ने पर ध्यान दिया जाएगा। इस उद्देश्य के साथ 33 जीआई-टैग किए गए उत्पादों के साथ-साथ मुगा और एरी रेशम पर दो प्रदर्शनियां भी होंगी। कार्यक्रम में प्रसिद्ध शिलांग चैंबर क्वाइअर के साथ तीन रातों तक चलने वाले लाइव प्रदर्शनों का आनंद लेने का अवसर मिलेगा।
पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा है कि यह महोत्सव पूर्वोत्तर की "सांस्कृतिक धरोहर और आर्थिक महाशक्ति" दोनों के रूप में हमारी क्षमता को दर्शाता है। इसी के साथ यह दिखाता है कि "विकसित पूर्वोत्तर" एक "विकसित भारत" के निर्माण के लिए अभिन्न अंग है।
सिंधिया ने कहा, "इस क्षेत्र का महत्व न केवल राष्ट्रीय स्तर पर, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी प्रदर्शित किया जाएगा, जिसे हमारी सरकार भारत की विकास गाथा के अहम हिस्से के रूप में देख रही है।"
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अगले साल अप्रैल-मई में दिल्ली में पूर्वोत्तर निवेशक सम्मेलन भी आयोजित किया जाएगा, जिसके लिए अलग-अलग रोड शो के जरिये 9,500 करोड़ रुपये के एमओयू पर हस्ताक्षर किए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि अगर जरूरी हुआ तो राज्यों के मुख्यमंत्रियों के लिए विदेशी गंतव्यों पर रोड शो की सुविधा भी प्रदान की जाएगी।