मंत्री इरफान अंसारी ने किसानों से धान की फसल बिचौलियों की बजाय सरकारी केंद्रों पर बेचने की अपील की। उन्होंने कहा कि इस वर्ष राज्य में उपजाई गई धान की फसल राज्य में ही रहेगी। इसे पश्चिम बंगाल या दूसरे राज्यों में नहीं जाने दिया जाएगा। राज्य में पिछले साल की तरह इस बार भी कुल 60 लाख क्विंटल धान की खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
बताया गया कि राज्य भर के किसानों से धान खरीद के लिए कुल 699 केंद्र बनाए गए हैं। इनमें से 112 केंद्रों पर रविवार को खरीद शुरू हो गई है। पहले ही दिन इन केंद्रों पर कई किसान अपनी फसल लेकर पहुंचे। सरकार धान बेचने वाले किसानों को कुल समर्थन की 50 फीसदी राशि खरीदारी के साथ भुगतान करेगी। शेष 50 फीसदी एवं बोनस की राशि इन केंद्रों से राइस मिलों द्वारा धान का उठाव होने या जिला स्तर पर बनाए गए गोदाम में पहुंचाने के बाद दी जाएगी।
सरकारी केंद्रों पर धान की बिक्री के लिए अब तक दो लाख 33 हजार से ज्यादा किसानों ने निबंधन कराया है। सरकार की ओर से तय पैमाने के अनुसार, एक किसान से अधिकतम 200 क्विंटल धान की खरीद की जाएगी। यह सीमा इसलिए तय की गई है कि ज्यादा से ज्यादा छोटे किसानों को लाभान्वित किया जा सके।
सरकार की ओर से किए गए प्रारंभिक आकलन के अनुसार, इस वर्ष 41.38 लाख टन धान का उत्पादन हुआ है। करीब 15.48 लाख हेक्टेयर में धान की फसल लगाई गई थी। साल 2023 में राज्य में 32.10 लाख टन धान की उपज हुई थी।
खाद्य आपूर्ति मंत्री इरफान अंसारी ने धान खरीद केंद्र का उद्घाटन करने के बाद कहा कि राज्य में पीडीएस और लैम्पस के सिस्टम को दुरुस्त किया जाएगा।