सीएम सिद्दारमैया ने शनिवार को आरोप लगाया था कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बी.वाई. विजयेंद्र ने वक्फ संपत्ति अतिक्रमण की जांच को दबाने के लिए पिछली सरकार के दौरान अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष को 150 करोड़ रुपये की रिश्वत देने की कोशिश की थी।
मीडिया से बात करते हुए अनवर मणिपड्डी ने कहा कि अगर मुख्यमंत्री सिद्दारमैया को मुसलमानों के प्रति सचमुच चिंता और प्रेम है तो उन्हें वक्फ अतिक्रमणों पर अपनी रिपोर्ट केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप देनी चाहिए।
अनवर ने कहा, "इस संबंध में प्रस्ताव कांग्रेस की ओर से दिया गया था। उन्होंने मुझे अमेरिका में बसने के लिए कहा क्योंकि मेरे पास ग्रीन कार्ड था। विजयेंद्र ने कभी नहीं कहा कि वह 150 करोड़ रुपये देंगे। साल 2012 में जब मैं अल्पसंख्यक आयोग का अध्यक्ष था, मैंने विजयेंद्र का नाम कभी नहीं सुना था। वह पार्टी के उपाध्यक्ष थे।"
अनवर ने कहा, "मुझे याद है कि जब उनके पिता बी.एस. येदियुरप्पा सीएम थे, तब मैंने उनसे रिपोर्ट के क्रियान्वयन के बारे में बात की थी। मैंने तब विभिन्न कारणों से विजयेंद्र की आलोचना की थी, लेकिन उन्होंने मुझे 150 करोड़ रुपये की कोई पेशकश नहीं की। जब मैंने विधानसभा में अपनी रिपोर्ट पेश की, तो तत्कालीन सीएम येदियुरप्पा ने इसे सत्र में रखा।"
अनवर मन्नीपड्डी ने कहा, "कांग्रेस नेताओं ने तीन-चार साल तक प्रस्ताव दिया था। लेकिन मैंने उन्हें डांटकर वापस भेज दिया था। अब वे मुझसे बात करने से डरते हैं। वक्फ के पास कुल 54,000 एकड़ जमीन है। इसमें से 27,000 से 28,000 एकड़ जमीन पर अतिक्रमण है। वक्फ बोर्ड के पास वर्तमान में 23,000 से 24,000 एकड़ जमीन है। वक्फ बोर्ड को 1.60 लाख एकड़ जमीन का मालिकाना हक देने वाले किसानों को नोटिस जारी करना कांग्रेस सरकार और मुख्यमंत्री सिद्दारमैया द्वारा हिंदुओं और मुसलमानों के बीच झगड़ा पैदा करने के इरादे को दिखाता है।"
अनवर मन्नीपड्डी ने कहा, "कांग्रेस नेताओं सहित ताकतवर लोगों द्वारा वक्फ संपत्तियों पर अतिक्रमण के बारे में मेरे 7,000 पन्नों के निष्कर्ष सिर्फ एक हिस्सा है जो ऊपर-ऊपर दिख रहा है। सतह के नीचे चीजें काफी विशाल हैं। अगर सीबीआई जांच शुरू करती है तो अवैधता और अतिक्रमण 70,000 पन्नों तक पहुंच जाएंगे।"
उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस रिपोर्ट को दबाने के लिए उन पर धन और बाहुबल का इस्तेमाल करने की कोशिश कर रही है। मुख्यमंत्री सिद्दारमैया पर वक्फ मुद्दे को लेकर हर तरफ से दबाव डाला जा रहा है। वह सब कुछ छुपाने की कोशिश कर रहे हैं और अतिक्रमण के मुद्दे को भटकाने के लिए विजयेंद्र का नाम सामने ला रहे हैं।"
मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने शनिवार को अपने प्रेस बयान में कर्नाटक भाजपा अध्यक्ष बी.वाई. विजयेंद्र के खिलाफ सीबीआई जांच की मांग की, जिन पर अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष और भाजपा नेता अनवर मन्निप्पाडी को कथित तौर पर 150 करोड़ रुपये की पेशकश करके वक्फ घोटाले की रिपोर्ट को दबाने की कोशिश करने का आरोप है।
विजयेंद्र ने मुख्यमंत्री सिद्दारमैया के रिश्वतखोरी के आरोपों को "निराधार" बताकर खारिज कर दिया है।