सूरत, 15 दिसंबर ( आईएएनएस): । सुचि सेमीकॉन ने सूरत में गुजरात के पहले आउटसोर्स्ड सेमीकंडक्टर असेंबली और टेस्टिंग (ओएसएटी) प्लांट की शुरुआत की। इसका उद्घाटन केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल और गुजरात के गृह मंत्री हर्ष सांघवी ने किया।
सुची सेमीकॉन अपनी क्षमताओं को बढ़ाने के साथ नवाचार को बढ़ावा देगा। पूरी क्षमता से चलने वाला संयंत्र प्रतिदिन 3 मिलियन सेमीकंडक्टर चिप्स का उत्पादन करेगा। इस कार्यक्रम में प्रमुख अधिकारियों और उद्योग जगत के नेताओं सहित 600 गणमान्य लोगों ने भाग लिया।
30,000 वर्ग फुट सुविधा के प्रारंभिक क्षेत्र के साथ संयंत्र, ऑटोमोटिव, उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स और औद्योगिक अनुप्रयोगों जैसे उद्योगों का समर्थन करते हुए सेमीकंडक्टर घटकों के लिए जरूरी असेंबली, परीक्षण और पैकेजिंग सेवाएं प्रदान करेगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने भारत को सेमीकंडक्टर विनिर्माण में आत्मनिर्भर बनाने में कंपनी के योगदान की सराहना करते हुए ओएसएटी संयंत्र के उद्घाटन पर सुचि सेमीकॉन को बधाई दी। सरकार के आत्मनिर्भर भारत दृष्टिकोण के अनुरूप इस पहल का उद्देश्य वैश्विक सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखला में देश की स्थिति को मजबूत करते हुए आयातित सेमीकंडक्टर पर भारत की निर्भरता को कम करना है।
उद्घाटन के बाद सुचि सेमीकॉन ने अपने सेमीकंडक्टर चिप का प्रदर्शन किया, जिस पर मेड इन इंडिया का लेबल लगा था, जो सेमीकंडक्टर विनिर्माण में भारत की आत्मनिर्भरता में इसके योगदान को उजागर करता है।
100 मिलियन डॉलर के निवेश के साथ संयंत्र प्रतिदिन 3 मिलियन सेमीकंडक्टर चिप्स का उत्पादन करेगा। कंपनी अपनी क्षमताओं को और बढ़ाने और नवाचार को बढ़ावा देने का काम करेगा। यह सुविधा घरेलू और वैश्विक दोनों बाजारों में सेमीकंडक्टर की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए तैयार है।
केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने कहा कि सेमीकॉन ओएसएटी प्लांट जैसी पहल सराहनीय कदम है। ऐसे संयंत्र आयात पर निर्भरता कम करने, नौकरियां पैदा करने और हमारे घरेलू उद्योग को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। मैं सुची सेमीकॉन टीम को इस सपने को साकार करने के लिए बधाई देता हूं, जो प्रौद्योगिकी और नवाचार में अग्रणी रूप में गुजरात और भारत दोनों के विकास में योगदान दे रहा है।
इस अवसर पर सुची सेमीकॉन के अध्यक्ष अशोक मेहता ने कहा कि सेमीकंडक्टर उद्योग में हमारी यात्रा कपड़ा क्षेत्र में एक साधारण पृष्ठभूमि के साथ शुरू हुई, लेकिन भारत की सेमीकंडक्टर क्षमताओं में बढ़ते अवसर को देखते हुए हमने अपना कदम आगे बढ़ाया। भारत लंबे समय से अपनी सेमीकंडक्टर जरूरतों के लिए आयात पर निर्भर रहा है। अब हम प्रतिदिन 300,000 टुकड़ों से शुरुआत करके दीर्घकालिक विकास की नींव रख रहे हैं, जिसमें भविष्य में बड़े पैमाने पर उत्पादन बढ़ाना शामिल है। हमारा लक्ष्य सिर्फ चिप्स का निर्माण करना नहीं है, बल्कि भारतीय सेमीकंडक्टर पारिस्थितिकी तंत्र में नवाचार को बढ़ावा देना भी है। यह सुविधा हमें आपूर्ति श्रृंखला में देरी को कम करने, लॉजिस्टिक लागत को कम करने और भारत में आत्मनिर्भर सेमीकंडक्टर उद्योग के विकास में सहायता करने में मदद करेगी।
Courtesy Media Group: IANS