'वन नेशन, वन इलेक्शन' बिल लोक सभा में पेश, बिल के बचाव में उतरे भाजपा नेता

नई दिल्ली, 17 दिसंबर ( आईएएनएस): । 'वन नेशन, वन इलेक्शन' बिल लोकसभा में पेश कर दिया गया। केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने इस बिल को पेश किया। विपक्षी पार्टियां इस बिल का विरोध कर रही हैं। इस पर भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि देश में 1967 तक सारे चुनाव एक साथ होते थे। क्या तब वह संघीय ढांचे पर हमला नहीं था।

'वन नेशन, वन इलेक्शन' बिल लोक सभा में पेश, भाजपा नेता बिल के बचाव में उतरे
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भाजपा सांसद संजय जायसवाल ने कहा, "संविधान निर्माताओं ने जब यह निर्णय लिया कि हम देश को लोकतांत्रिक बनाएंगे, तो सभी राज्‍यों और लोकसभा के चुनाव एक साथ हुए। आजादी के बाद जो देश में जो परंपरा 20 वर्षों तक चली, मुझे नहीं लगता उसे लागू करने में कोई कष्ट होना चाहिए। यह बहुत ही अच्छी सोच है।"

केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण तथा नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री ने इसे देश के ल‍िए जरूरी बताते हुए कहा, "वन नेशन, वन इलेक्शन देश के लिए बहुत जरूरी है। सारे चुनाव पांच वर्ष में एक बार होने चाहिए। आजादी के बाद ऐसे ही चुनाव होते थे। जब कांग्रेस पार्टी को राज्य की विधानसभाओं को भंग करने का रोग लग गया, तो राज्यों और लोकसभा के चुनाव अलग-अलग होने लगे। उस समय जो भी सरकार कांग्रेस के मन की नहीं होती थी, केंद्र की कांग्रेस पार्टी की सरकार उसको बर्खास्त कर देती थी। इसकी वजह से चुनाव अलग-अलग होने लगे।"

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भारतीय जनता पार्टी सांसद जगदंबिका पाल ने कहा, " हम इस बिल का स्वागत करते हैं। पूरा देश इस बिल की प्रतीक्षा कर रहा था। पूरे देश की जनता इस बात की जरूरत महसूस कर रही थी कि देश में लगातार चुनाव की प्रक्रिया चलती रहती है, इसको लेकर काम और विकास बाधित होता है। सारी सरकारी मशीनरी का बहुत सारा समय चुनाव कराने में ही चला जाता है। आजादी के बाद संविधान निर्माताओं ने एक साथ चुनाव की परिकल्पना की थी। उस समय ये चुनाव एक साथ होते भी रहे। आज फिर से देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बात की पहल की, जिस तरीके से आजादी के बाद देश में चुनाव होते थे, ब‍िल के माध्‍यम से अब फिर चुनाव उसी प्रकार होंगे।"

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कर्नाटक के भारतीय जनता पार्टी नेता बासवराज बोम्मई ने कहा, "भारत सरकार का यह फैसला बहुत ही अच्छा है। यह देश की उन्नति में नई क्रांति लेकर आएगा। यह देश के विकास के लिए जरूरी है। अलग-अलग चुनाव से सरकारी मशीनरी, पैसे समेत तमाम चीजों की बर्बादी होती थी। अब एक साथ चुनाव कराने से यह सब बचेगा।"

केंद्रीय कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा, " 'वन नेशन, वन इलेक्शन' बिल पर पूरे संसद और विपक्ष को एक साथ होना चाहिए। यह कोई नया बिल नहीं आ रहा है। 1967 तक देश में एक साथ चुनाव होते थे। अब कांग्रेस पार्टी ने कसम खा ली है कि पीएम मोदी की हर पहल का वह विरोध करेंगे, तो इस पर क्या कहा जा सकता है। जैसे जीएसटी पीएम मोदी लाए थे, कांग्रेस ने विरोध किया। लेकिन, वह बिल भारत के लिए कितना अच्छा साबित हुआ।"

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भाजपा सांसद रवि किशन ने कहा, "यह बहुत अच्छा कदम है। इस पर विपक्ष को तुरंत साथ देना चाहिए।"

भाजपा सांसद किरण चौधरी ने कहा, "हमारी सरकार की ओर से यह बहुत ही अच्छा कदम उठाया जा रहा है। हमारी सरकार ने यह कदम उठाया है। यह बिल देश के लिए बहुत ही कारगर साबित होगा। देश में हर साल कोई न कोई इलेक्शन होता रहता है। जिसमें देश के बहुत सारे संसाधन लग जाते हैं। आदर्श आचार संहिता लग जाती है। इसके बाद सारे काम रुक जाते हैं।"

भाजपा सांसद कमलजीत सेहरावत ने कहा, "कांग्रेस पार्टी की मानसिकता और जानकारी दोनों के ऊपर बहुत बड़ा सवाल है। इस साल संविधान के 75 साल पूरे हो गए। इस मौके पर दो दिन संविधान पर चर्चा हुई। 'वन नेशन, वन इलेक्शन' संविधान के अंदर पहले दिन से नियत था। समय के साथ कुछ ऐसे कारण रहे, जिससे इलेक्शन अलग-अलग होने लगे, नहीं तो यह पहले साथ ही होते थे।"

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भाजपा नेता नरेश बंसल ने कहा, "कांग्रेस पार्टी को इस बात का जवाब देना चाहिए क‍ि 1967 तक जो चुनाव एक साथ हुए, क्या वह संघीय ढांचे पर हमला था। अगर वह हमला था, तो कांग्रेस पार्टी को माफी मांगनी चाहिए।"

Courtesy Media Group: IANS

 

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