संसद में 'वन नेशन, वन इलेक्शन' बिल पेश, विपक्ष ने इसे संघीय ढांचे के खिलाफ बताया

17 Dec, 2024 3:27 PM
संसद में वन नेशन, वन इलेक्शन बिल पेश, विपक्ष ने इसे संघीय ढांचे के खिलाफ बताया
नई दिल्ली, 17 दिसंबर (आईएएनएस): । वन नेशन, वन इलेक्शन बिल लोकसभा में पेश कर दिया गया है। केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने इस बिल को पटल पर रखा। जिसका विपक्ष ने विरोध किया। विपक्षी पार्टियों का कहना है कि यह बिल देश के संघीय ढांचे के खिलाफ है।

इस पर समाजवादी पार्टी के महाराष्ट्र अध्यक्ष अबू आजमी ने से बात की। उन्होंने कहा, "हम इस बिल का समर्थन नहीं कर रहे हैं। जब इस पर सदन में चर्चा होगी तो आगे की स्थिति का पता चलेगा।"

कांग्रेस नेता भाई जगताप ने वन नेशन, वन इलेक्शन को पीएम मोदी का एक और जुमला बताते हुए कहा, "यह हमारे देश के प्रधानमंत्री का एक और जुमला है। जब देश का इतिहास लिखा जाएगा, तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम जुमलेबाज ही लिखा जाएगा। वन नेशन, वन इलेक्शन सुनने में बहुत अच्छा लगता है। इसको लाने से देश के बाकी सारे मामले हल होते हैं,या उसके जवाब मिलते हैं तो अच्छा है, आने दीजिए।"

समाजवादी पार्टी नेता रामगोपाल यादव ने इसका विरोध करते हुए कहा, "समाजवादी पार्टी इस बिल का विरोध पुरजोर तरीके से कर रही है। यह बिल देश के लिए ठीक नहीं है। साथ ही बहुत अस्पष्ट बिल है। यह लोग जिन कमियों को सिस्टम में गिना रहे हैं, वह उन कमियों को ठीक कर ही नहीं सकते।"

समाजवादी पार्टी के ही सांसद धर्मेंद्र यादव ने कहा, "इस बिल पर हमारी पार्टी का रुख पहले ही स्पष्ट है। हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष ने इस बारे में अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा भी इसके बारे में। यह संविधान की मूल भावना पर हमला है। देश के संघीय ढांचे पर हमला है। हर राज्य के अपने संवैधानिक अधिकार और हक हैं। राज्यों के संवैधानिक अधिकार को कमजोर करने के लिए यह बिल लाया गया है।"

झारखंड मुक्ति मोर्चा नेता मिथिलेश ठाकुर ने कहा, "यह बिल सीधे-सीधे संघीय ढांचे पर हमला है। दोनों चुनावों में किसी तरह की कोई समानता नहीं है। लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनावों में मुद्दे भी अलग होते हैं। लोगों का वोट देने का माइंडसेट भी अलग होता है। इसके तहत भारतीय जनता पार्टी के लोगों ने व्यक्तिगत स्वार्थ साधने की तैयारी की है। इसे जनता कभी स्वीकार नहीं करेगी।"

सपा के घोसी लोकसभा सीट से सांसद राजीव राय ने कहा, "यह सरकार का तुगलकी फरमान है। हम पार्टी के लोग इसका विरोध करेंगे। समाजवादी पार्टी पूरी तरह से इस बिल के विरोध में है। यह देश के संघीय ढांचे पर हमला है। भारतीय जनता पार्टी के पास इतना पैसा है कि पूरे देश को कब्जे में ले सकती है। देश की हर राज्य की अपनी भौगोलिक, आर्थिक, और तमाम तरह की अलग-अलग परिस्थितियां है। उनके लिए यह बहुत ही गलत है।"

टीएमसी सांसद कीर्ति आजाद ने कहा, "यह बिल देश के लिए खतरनाक है। देश में लोकसभा से लेकर पंचायती राज और नगरपालिकाओं के चुनाव होते हैं। लोगों को बार-बार अलग-अलग जगहों पर वोट करने का मौका मिलता है। यह सरकार चाहती है कि वन नेशन, वन इलेक्शन, वन लीडर कर दे। देश में संविधान ही न रहे। यह सरकार लोगों को वोट देने से वंचित कर रही है।"

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