इस अवसर पर उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवाएं सिर्फ शहरों में ही केंद्रित नहीं होकर गांवों तक भी पहुंचनी चाहिए। बिहार को सर्व दृष्टि से विकसित करना हमारा लक्ष्य होना चाहिए। इसके लिए स्वास्थ्य प्रक्षेत्र का विकास आवश्यक है। बिहार के विकसित होने पर ही 'विकसित भारत' का सपना साकार हो सकेगा।
राज्यपाल ने कहा कि बिहार के लोगों को राजनीति अच्छी तरह समझ आती है। बिहार के बच्चे-बच्चे भी राजनीति का पाठ आपको सिखा देते हैं। मैं गोवा से आता हूं और वहां पर कहा जाता है कि वहां का बच्चा संगीत का ज्ञान लेकर आता है, वैसे ही बिहार का बच्चा पॉलिटिक्स का ज्ञान लेकर आता है, ऐसा मैंने सुना है। दूसरी बात यहां आकर देखी है कि यहां हर कोई पुस्तक लिखता है, हालांकि कुछ ही पुस्तकें पढ़ने योग्य होती हैं। मंगल पांडेय की यह पुस्तक पढ़ने योग्य है।
राज्यपाल ने पुस्तक के लेखक मंगल पांडेय की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने अपनी अत्यधिक व्यस्तता के बावजूद एक उत्कृष्ट पुस्तक का लेखन किया है, जो पठनीय है। उन्होंने इसके माध्यम से बिहार में स्वास्थ्य प्रक्षेत्र में हो रहे विकास को आमजन के समक्ष प्रस्तुत करने का सफल प्रयास किया है। उनके व्यक्तित्व और कृतित्व पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का गहरा प्रभाव है और इसके फलस्वरूप वह विषयों की स्पष्ट समझ और सकारात्मक सोच के साथ समाज और राष्ट्र हित के लिए सतत संघर्षरत हैं।
कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी एवं विजय कुमार सिन्हा, बिहार विधान परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह, बिहार विधान सभा के अध्यक्ष नंद किशोर यादव, मंत्री विजय कुमार चौधरी, श्रवण कुमार, पुस्तक के लेखक और मंत्री मंगल पांडेय भी उपस्थित रहे।