राजस्थान के 21 जिलों और मध्य प्रदेश के 11 जिलों को पेयजल, सिंचाई और औद्योगिक जल उपलब्ध करवाने के लिए 'ईआरसीपी' को लेकर समझौता हुआ। इस ऐतिहासिक समझौते को लेकर वहां के लोगों में खुशी है। से बात करते हुए एक निवासी ने बताया, "राजस्थान क्षेत्रफल के दृष्टि से बहुत बड़ा प्रदेश है और देश में नंबर वन पर आता है, लेकिन पानी को लेकर समस्याएं थीं। इस पर पूर्व की सरकारों से सिर्फ दिलासा ही मिला। प्रधानमंत्री मोदी ने जनता के बीच में आकर जो बात कही है, जनता के बीच में इसका परिणाम आता हुआ दिखेगा। जिस तरीके से उत्सव बनाकर कार्यक्रम का आयोजन किया गया है, वो इस बात का संकेत है कि अब राजस्थान के करीब 40 प्रतिशत हिस्से को पानी मिलना शुरू हो जाएगा। यह एक सुखद आश्चर्य की बात है।"
एक अन्य नागरिक ने कहा, "पीएम मोदी देश के वो नेता हैं, जिनकी कथनी और करनी पर देश की जनता पूरा भरोसा करती है। 'ईआरसीपी' के अंतर्गत पूर्व राजस्थान में पानी की समस्या लंबे समय से बनी हुई थी। लेकिन तीनों जगह चाहे केंद्र, राजस्थान या मध्य प्रदेश हो, वहां पर भाजपा की सरकार है और केंद्र में पीएम मोदी के रूप में करिश्माई नेतृत्व बैठा हुआ है। इसका लाभ सभी को मिलेगा। जो क्षेत्र पानी से पूरी तरह से वंचित हो गया था, वहां पर पानी पहुंचेगा। इस ऐतिहासिक पल की चर्चा आने वाली पीढ़ियों में होती रहेगी।"
'ईआरसीपी' के शिलान्यास के लिए पीएम मोदी को धन्यवाद देते हुए एक नागरिक ने कहा, "इससे राजस्थान के 21 जिले लाभान्वित होंगे, उसमें खुशहाली आएगी। राजस्थान ऐसा राज्य है, जहां पर सूखा रहता है। हम लोग कल्पना भी नहीं कर सकते कि इतने बड़े भू-भाग के लिए केंद्र और राज्य सरकार ने ऐसी परियोजना बनाई है। जहां पर रेतीले टीले रहते थे, वहां पर पानी पहुंचेगा। आने वाले दिनों में खुशहाली दिखेगी, पिछली सरकारों ने सिर्फ वादे किए थे, लेकिन धरातल पर कोई काम नहीं किया था।"
एक अन्य शख्स ने इस परियोजना को अच्छी शुरुआत बताते हुए कहा, "हमारे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने एक अच्छी कल्पना की थी कि देश की सभी नदियों को आपस में जोड़ा जाए और देश के उन हिस्सों में जहां पर बाढ़ आती हो, वहां पर नुकसान नहीं हो और जहां पर सूखा रहता है, वहां पर पानी पहुंचाया जा सके। ऐसे में मुझे लगता है कि इस जल समझौते से राजस्थान को बहुत फायदा होने वाला है।"