उन्होंने से बातचीत में कहा, “वन नेशन, वन इलेक्शन’ के कई फायदे हैं। एक बार में चुनाव होने से एक बार ही बार में सभी सुरक्षाकर्मी लगा दिए जाएंगे। बार-बार जिस तरह से सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया जाता है, उसमें खर्च होता है। लेकिन, जब एक साथ चुनाव होंगे, तो ऐसा नहीं होगा। इससे समय और धन दोनों की बचत होगी।”
उन्होंने कहा, “बार-बार चुनाव होने से आचार संहिता लागू किया जाता है। इससे विकास से जुड़े कार्य ठप हो जाते हैं। लेकिन, जब एक साथ चुनाव होंगे, तो ऐसा नहीं होगा। इससे देश की प्रगति होगी, जो समय चुनाव संपन्न कराने में लगता है, उस समय को अब देश के विकास में लगाया जा सकेगा।”
भाजपा नेता ने 'वन नेशन, वन इलेक्शन' का विरोध करने वाले लोगों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि अगर इस बिल से चीन का फायदा होता, तो ये लोग बिल्कुल भी विरोध नहीं करते, बल्कि खुलकर बिल का समर्थन करते।
उन्होंने कांग्रेस को लेकर कहा, "पिछले 70-75 सालों में हम लोग कांग्रेस के मुंह से सिर्फ अल्पसंख्यक और अल्पसंख्यक ही सुनते आ रहे हैं। कांग्रेस ने पिछले कुछ सालों में अल्पसंख्यक की परिभाषा बदल दी। इन लोगों ने अल्पसंख्यक और मुस्लिमों को पर्यायवाची बना दिया था, जिसे अब किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता है।"
वहीं, कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला ने ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ को लेकर से कहा, “इससे फिर से वही स्थिति आ जाएगी। मान लीजिए, अगर बीच में कहीं पर विधानसभा भंग हो गई, तो वहां पर चुनाव कराना होगा। ऐसी स्थिति में पांच साल चुनाव कराने वाली कड़ी टूट जाएगी।”