सांसद नासिर हुसैन ने बुधवार को से खास बातचीत के दौरान कहा, "हिंदुस्तान के युवाओं को दुनिया भर में काम मिला है। चाहे गल्फ कंट्री हो या ऑस्ट्रेलिया या फिर यूके या कनाडा। दुनिया भर के देशों में युवाओं को काम मिला है। हमें किस देश से फायदा या नुकसान हो रहा है, इस आधार पर फॉरेन पॉलिसी नहीं बनती है। तीसरी बात यह है कि योगी आदित्यनाथ को कम से कम अपनी पार्टी और सरकार के फिलिस्तीन और इजरायल पर क्या स्टैंड है, उसे पढ़ लेना चाहिए। क्या उनको सरकार की फॉरेन पॉलिसी स्टैंड पर ऐतराज है? अगर ऐसा है तो उन्हें अपनी लीडरशिप को बोल देना चाहिए।"
अमित शाह के बाबा साहब भीमराव अंबेडकर पर दिए बयान का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, "बाबा साहब अंबेडकर के दिए हुए कॉन्स्टिट्यूशन को इन्होंने रामलीला मैदान में जला दिया था और कहा था कि इसको खत्म कर देना चाहिए और मनुस्मृति को लागू करना चाहिए। यह लोग न संविधान को मानते हैं और न ही अंबेडकर को मानते हैं। यह हर उस व्यक्ति से चिढ़ते हैं, जो बाबा साहब का नाम लेते हैं और कॉन्स्टिट्यूशन की बात करता है। यह क्या हमें बताएंगे कि अंबेडकर साहब क्या हैं? कांग्रेस पार्टी ने उन्हें ड्राफ्टिंग कमेटी का अध्यक्ष बनाया और उनके नेतृत्व में कॉन्स्टिट्यूशन ड्राफ्ट किया गया था, उसे अडॉप्ट किया था। यह लोग बाबा साहब के नाम से चिढ़ते हैं, इन्होंने हमेशा उन्हें अपमानित करने का काम किया है। अमित शाह को देश से माफी मांगनी पड़ेगी।"
नासिर हुसैन ने अमित शाह के बयान पर पलटवार करते हुए कहा, "प्रधानमंत्री मोदी, अमित शाह, जेपी नड्डा और निर्मला सीतारमण ने संविधान के पहले संशोधन पर आपत्ति जताई है। मैं आपको बता दूं कि पहले संशोधन में रिजर्वेशन, लैंड रिफॉर्म और हेट स्पीच को कंट्रोल करने पर पाबंदी लगाई गई थी। उनको इस पर इसलिए ऐतराज है, क्योंकि इसमें रिजर्वेशन है। मैं यह पूछता हूं कि रिजर्वेशन पर आरएसएस का क्या स्टैंड है? मोहन भागवत ने क्या बोला था? वह हर दिन रिजर्वेशन और संविधान के खिलाफ बयान देते हैं। पहले उनको अपने अंदर झांक कर देखना चाहिए।"
कांग्रेस सांसद ने मुसलमानों को आरक्षण देने के सवाल पर कहा, "भारतीय जनता पार्टी नहीं चाहती है कि जाति जनगणना हो। यह हिंदू-मुसलमान इसलिए करते हैं, क्योंकि हिंदू-मुसलमान की आड़ में अपनी मानसिकता को इंप्लीमेंट कर सकें। आप खुद ही बता दीजिए कि मुसलमानों को कहां रिजर्वेशन मिला है।"