एसटीएफ टीम ने जानकारी साझा करते हुए बताया है कि मनप्रीत सिंह उर्फ सन्नी को गिरफ्तार करने के बाद उसके पास से 1 पिस्टल 30 बोर, 7 जिंदा कारतूस 30 बोर बरामद हुए हैं।
एसटीएफ ने बताया है कि 17 दिसंबर को सूचना मिली थी कि मनप्रीत उर्फ सन्नी अपने गांव के सरपंच की हत्या करने के लिए अपने साथी से मिलने हस्तिनापुर, मेरठ क्षेत्र में आने वाला है। इसके बाद एसटीएफ टीम ने कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।
मनप्रीत सिंह उर्फ सन्नी (31) ने पूछताछ में बताया है कि वह कक्षा आठ पास है। साल 2012-13 में वह अपने गांव के लड़कों के साथ काम करने के लिए दिल्ली गया था। जहां पर वह मोटर साइकिल चोरी एवं मोबाइल छीनने का काम करने लगा। इसके बाद वह जनवरी-2014 में अपने साथी कुलजीत सिंह के साथ दिल्ली पुलिस द्वारा पकड़ लिया गया था और जेल गया था। लगभग 4 महीने बाद जेल में रहने के साथ जमानत पर बाहर आया। जेल से छूटने के बाद दिल्ली में रहकर वाहन चोरी की घटनाएं करता रहा और दिल्ली पुलिस ने उसे 2016 में चोरी के अपराध में जेल भेजा दिया। इसके बाद फिर उसे 2017-18 में वाहन चोरी के अपराध में जेल भेजा गया।
मनप्रीत ने सीएफ टीम को बताया कि ग्राम की प्रधानी के चुनाव में दिलदार सिंह प्रत्याशी थे, जिनका मनप्रीत समर्थन कर प्रचार कर रहा था। दिलदार सिंह चुनाव जीतकर प्रधान बन गए थे। किन्तु बाद में गांव में कुछ कामों को लेकर दिलदार सिंह और मनप्रीत सिंह उर्फ सन्नी के बीच आपस में रंजिश हो गई थी। जिसके चलते दिलदार सिंह के करीबी रिश्तेदार तीरथ सिंह की हत्या मनप्रीत सिंह ने अपने साथी कुलदीप सिंह के साथ मिलकर कर दी थी।
इसके बाद मनप्रीत सिंह उर्फ सन्नी ने दिलदार सिंह को भी मारने की योजना बना रखी थी और सज्जन नामक व्यक्ति ने मनप्रीत को हथियार खरीदने के लिए पैसे दिये थे। जिनसे उसने इंदौर मध्य प्रदेश से पिस्टल खरीदी थी। इसी हत्या की घटना के संबंध में थाना हस्तिनापुर, जनपद मेरठ में दर्ज मुकदमे में मनप्रीत सिंह उर्फ सन्नी वांछित चल रहा था। जिसकी गिरफ्तारी के लिए अपर पुलिस महानिदेशक, मेरठ जोन ने 1 लाख का पुरस्कार घोषित किया था।