झारखंड में आजसू पार्टी ने की चुनाव परिणाम की समीक्षा, सुदेश महतो बोले- राज्य सरकार के कामकाज पर हमारी निगाह

रांची, 19 दिसंबर ( आईएएनएस): । आजसू (ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन) पार्टी की केंद्रीय कमेटी ने झारखंड विधानसभा चुनाव के परिणाम और आने वाले दिनों में पार्टी की रणनीति को लेकर गुरुवार को रांची में मंथन किया।

झारखंड में आजसू पार्टी ने की चुनाव परिणाम की समीक्षा, सुदेश महतो बोले- राज्य सरकार के कामकाज पर हमारी निगाह
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बैठक के बाद पार्टी के प्रमुख सुदेश महतो ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि हमारी पार्टी ने तय किया है कि राज्य की सरकार को अभी समय देंगे। सरकार के कामकाज पर हमारी निगाह है। राज्यहित और जनहित के निर्णयों पर हमारा रुख सकारात्मक होगा। हम प्रहरी की भूमिका में रहेंगे।

महतो ने कहा कि विधानसभा चुनाव के परिणाम हमारी उम्मीदों के प्रतिकूल रहे हैं। हम सभी परिस्थितियों और वजहों का आकलन कर रहे हैं। पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं से फीडबैक ले रहे हैं। हमारी पार्टी ने तय किया है कि हम राज्य में प्रत्येक समुदाय के लोगों के पास जाएंगे और उनके साथ अपनी रणनीति और कार्यक्रमों पर चर्चा करेंगे।

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आजसू पार्टी ने राज्य में हाल में हुए विधानसभा चुनाव में एनडीए के तहत 10 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे। पार्टी को इनमें से नौ सीटों पर पराजय का सामना करना पड़ा। आजसू प्रमुख सुदेश महतो भी सिल्ली सीट से चुनाव हार गए। झारखंड में एक महत्वपूर्ण राजनीतिक शक्ति के रूप में पहचान रखने वाली पार्टी अब नए सिरे से अपनी रणनीति तय करने में जुटी है।

सुदेश महतो ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि राज्यहित से जुड़े बड़े मुद्दों पर पार्टी की नीति पहले से स्पष्ट है। हम जनगणना में आदिवासियों के लिए सरना धर्म कोड के पक्ष में हैं। निजी क्षेत्रों में स्थानीय लोगों के आरक्षण का भी हम समर्थन करते हैं, लेकिन राज्य की सरकार से हमारी अपेक्षा है कि वह इस मसले पर पूरी तरह ईमानदार रहे।

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राज्य में जेएसएससी सीजीएल (झारखंड स्टाफ सेलेक्शन कमीशन कंबाइंड ग्रेजुएट लेवल) परीक्षा के विवाद को लेकर उन्होंने कहा कि हम शुरू से इस परीक्षा में गड़बड़ी पर सवाल उठाते रहे हैं। तत्कालीन सीएम चंपई सोरेन के सामने भी हमने यह मुद्दा रखा था। पिछली बार परीक्षा रद्द हुई थी और उसके बाद जेएसएससी के चेयरमैन ने इस्तीफा दिया था। कुछ लोगों की गिरफ्तारी हुई थी, लेकिन उसका क्या फलाफल निकला?

झारखंड सरकार से सरकारी आवास खाली करने से जुड़े आदेश पर उन्होंने कहा कि आवास आवंटन या खाली कराना सरकार का अधिकार है।

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Courtesy Media Group: IANS

 

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