उन्होंने कहा कि संघ परिवार जोड़ने वाला है, ना कि तोड़ने वाला।
उन्होंने कहा, "यह हमारे लिए बहुत ही पवित्र भूमि है। हम इसका दिल से सम्मान करते हैं। यहां आने के बाद हमें आनंद की अनुभूति प्राप्त हो रही है। मैं कहना चाहूंगा कि यहां आने के बाद हर व्यक्ति को ऊर्जा और आनंद की अनुभूति प्राप्त होती है।"
उन्होंने आगे कहा, “संघ परिवार हमें यह सिखाता है कि निरपेक्ष भाव से हमें सेवा कैसे करनी है। यह हमें संघ परिवार सिखाता है। मैं एक बात कहना चाहता हूं कि मेरे लिए संघ परिवार कोई नया नहीं है। मेरी शुरुआत ही शाखा से हुई है। इस बात का मुझे अभिमान है कि मैं हमेशा से ही संघ परिवार का हिस्सा रहा हूं। संघ ने मुझे बहुत कुछ सिखाया है।”
शिंदे ने संघ के निस्वार्थ सेवा भाव की प्रशंसा करते हुए कहा, “अगले साल संघ परिवार को पूरे 100 साल हो रहे हैं। यह बहुत ही गर्व की बात है कि संघ को पूरे 100 साल होने जा रहे हैं। देश में कई तरह की संस्थाएं शुरू होती हैं। लेकिन, फिर बाद में बंद हो जाती है। कोई भी संस्था लंबे समय तक अपना सफर तय नहीं कर पाती है। लेकिन, संघ ने ऐसा करके दिखाया है। आगे भी संघ इसी तरह से देश की सेवा करता रहेगा।”
उन्होंने कहा, “देश में जहां कहीं भी कोई आपदा आती है, तो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का कार्यकर्ता सबसे पहले दौड़कर जाता है और लोगों की मदद करता है। ।”
शिंदे के मुताबिक शिवसेना और संघ परिवार के विचार समान हैं। उन्होंने कहा, “शिवसेना और संघ परिवार का विचार भी समान है। मुझे यहां आकर सुखद अनुभूति प्राप्त हो रही है, जिसे मैं शब्दों में व्यक्त नहीं कर सकता। संघ ने हमें बहुत कुछ सिखाया है।”
उन्होंने कहा, “जिसे सामाजिक काम निरपेक्ष भाव से करना है, उसे एक बार जरूर यहां आना चाहिए और यहां से प्रेरणा लेने के बाद जन सेवा करनी चाहिए।”