दरअसल, सपा सांसदों से विधानसभा अध्यक्ष ने कई बार शांत रहकर चर्चा में शामिल होने के लिए कहा, लेकिन वह नहीं माने। इसके बाद सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया।
वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि यह लोग मन बनाकर आए हैं कि आज सदन नहीं चलने देंगे। सदन में चर्चा नहीं करेंगे। हंगामा करेंगे। वित्त मंत्री ने अनुपूरक बजट मंजूर करने का प्रस्ताव पेश किया। हंगामे के बीच ही अनुपूरक बजट बिना चर्चा के पारित हुआ और विधानसभा अध्यक्ष ने सर्व सम्मति के बजट पारित करने की घोषणा की।
विधानसभा अध्यक्ष ने सपा विधायकों के हंगामे के बीच कहा कि कुंभ विपक्ष का एजेंडा नहीं है। इसलिए वह चर्चा नहीं करना चाहता है। लेकिन अनुपूरक बजट पर चर्चा करें। मेरा काम है कि अनुपूरक बजट पर चर्चा हो।
सुरेश खन्ना ने कहा की कुंभ पर चर्चा से भागना संस्कृति और सनातनी लोगों का अपमान है। विपक्ष ने कहा था कि कुंभ पर चर्चा कराई जाए। कुंभ में 40 करोड़ लोग आएंगे। ऐसा आयोजन पूरी दुनिया में कहीं नहीं होता है।
उधर, विधानसभा अध्यक्ष महाना से बहस के बाद निष्कासित किए गए सपा विधायक अतुल प्रधान हजरतगंज में बाबा साहब की प्रतिमा के नीचे धरने पर बैठ गए हैं। अतुल प्रधान को बुधवार को विधानसभा के पूरे सत्र से निष्कासित कर दिया था।
इसके पहले वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि बाबा साहेब का सम्मान भाजपा ने सबसे ज्यादा किया। विपक्ष ने बाबा साहेब के बनाए संविधान की प्रस्तावना को भी बदल दिया। बाबा साहेब को विपक्ष ने कभी सम्मान नहीं दिया।
विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने कहा कि सदन में किसानों के मुद्दे पर चर्चा करनी है। बाबा साहब का सम्मान सभी करते हैं। पूरा प्रदेश देख रहा है। मै आपसे प्रार्थना करता हूं कि अपनी सीट पर जाएं। विपक्ष ने बाबा साहेब को कभी सम्मान नहीं दिया। बाबा साहब की फोटो का सम्मान कीजिए, उसे गले से लगाइए।