बीमा प्रीमियम पर विस्तृत रिपोर्ट अगली जीएसटी बैठक में पेश की जाएगी : सम्राट चौधरी

जैसलमेर/नई दिल्ली, 21 दिसंबर ( आईएएनएस): । बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने शनिवार को बताया कि मंत्रियों के समूह (जीओएम) ने विभिन्न बीमाओं के संबंध में जीएसटी निर्णयों पर एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार की है और बीमा प्रीमियम पर कर छूट का प्रस्ताव जीएसटी परिषद की अगली बैठक में पेश किया जाएगा।

बीमा प्रीमियम पर विस्तृत रिपोर्ट अगली जीएसटी बैठक में पेश की जाएगी : सम्राट चौधरी
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राजस्थान के जैसलमेर में जीएसटी परिषद की 55वीं बैठक में बिहार सरकार का प्रतिनिधित्व करने के बाद से बात करते हुए जीओएम के अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा कि जीओएम के कई सदस्यों ने सुझाव दिया कि बीमा पॉलिसियों पर रिपोर्ट के संबंध में एक और बैठक आयोजित कर निर्णय लिया जाना चाहिए।

चौधरी ने कहा, "अगली बैठक में, चाहे वह समूह बीमा हो, व्यक्तिगत बीमा हो, वरिष्ठ नागरिकों के लिए बीमा हो या विकलांगों के लिए बीमा हो, पॉलिसियों के लिए भुगतान किए गए प्रीमियम पर जीएसटी छूट पर विचार किया जाएगा।"

उन्होंने बताया कि अगली बैठक के बाद ही रिपोर्ट विस्तार से पेश की जाएगी। इसमें 148 आइटम हैं और सभी की समीक्षा की जाएगी।

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सम्राट चौधरी ने बताया कि जीएसटी परिषद की अगली बैठक जनवरी में होगी।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुई 55वीं बैठक में जीएसटी परिषद ने जीवन और स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर कर की दरों में कटौती के फैसले को टाल दिया।

इससे पहले नवंबर में, जीओएम ने टर्म लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसियों के लिए भुगतान किए गए प्रीमियम पर जीएसटी में छूट का सुझाव दिया था। स्वास्थ्य बीमा कवर के लिए वरिष्ठ नागरिकों द्वारा भुगतान किए गए प्रीमियम पर भी जीएसटी से छूट देने का प्रस्ताव दिया गया था। वरिष्ठ नागरिकों के अलावा अन्य व्यक्तियों के लिए, पांच लाख रुपये तक की पॉलिसी को कवर करने वाले स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर छूट की सिफारिश की गई थी। हालांकि, पांच लाख रुपये से अधिक के कवरेज वाली पॉलिसियों पर मौजूदा 18 प्रतिशत जीएसटी दर लागू रखने की सिफारिश की गई थी।

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जीएसटी परिषद अपनी अगली बैठक में सिफारिशों पर और विचार-विमर्श करेगी, क्योंकि कुछ और तकनीकी पहलुओं को सुलझाया जाना बाकी है।

जीवन और स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर जीएसटी कटौती की लंबे समय से मांग की जा रही है। माना जा रहा है कि अगर बीमा प्रीमियम पर जीएसटी कम किया जाता है, तो परिषद के इस कदम से बीमाकर्ताओं और पॉलिसीधारकों दोनों पर कर का बोझ कम होगा।

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Courtesy Media Group: IANS

 

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