झारखंड में जंगल और हरियाली का हुआ विस्तार, दो साल में 287 वर्ग किमी वन क्षेत्र बढ़ा

22 Dec, 2024 12:46 PM
झारखंड में जंगल और हरियाली का हुआ विस्तार, दो साल में 287 वर्ग किमी वन क्षेत्र बढ़ा
रांची, 22 दिसंबर (आईएएनएस): । झारखंड में वन क्षेत्र और हरियाली का विस्तार हो रहा है। भारत सरकार के वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की ओर से जारी ताजा ‘फॉरेस्ट सर्वे रिपोर्ट ऑफ इंडिया’ इसकी तस्दीक करती है। रिपोर्ट में झारखंड ने देश के उन पांच टॉप राज्यों की सूची में जगह बनाई है, जहां पिछले दो वर्षों में ‘फॉरेस्ट कवर’ सबसे ज्यादा बढ़ा है।

केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव के हाथों शनिवार को रिलीज की गई रिपोर्ट के मुताबिक, झारखंड में पिछले वर्षों में 287 वर्ग किलोमीटर वन क्षेत्र बढ़ा है। पूरे राज्य में अब 23,765.78 किलोमीटर वन क्षेत्र है, जो कुल भौगोलिक क्षेत्रफल का 29.81 प्रतिशत है। यह सर्वे 2023 में किया गया था, जिसकी रिपोर्ट अब जारी की गई है।

इसके पहले वर्ष 2021 में जारी रिपोर्ट के मुताबिक, झारखंड में 28.10 प्रतिशत क्षेत्र था। यानी दो वर्षों में वन क्षेत्र का प्रतिशत 1.91 फीसदी बढ़ा है। 2011 में झारखंड में कुल वन क्षेत्र 22,977 वर्ग किलोमीटर था। इस तरह 12 वर्षों में एक हजार वर्ग किलोमीटर से ज्यादा फॉरेस्ट कवर एरिया बढ़ा है।

झारखंड में 24 जिले हैं, जिनमें से 19 जिलों में पिछले दो साल के दौरान वन क्षेत्र का विस्तार हुआ है। पांच जिले ऐसे हैं, जहां वन क्षेत्र में कमी दर्ज की गई है। इन जिलों में चतरा, कोडरमा, पूर्वी सिंहभूम, लातेहार और सिमडेगा शामिल हैं। वनों के क्षेत्रफल में सबसे ज्यादा गिरावट चतरा जिले में दर्ज की गई है। यहां दो साल में फॉरेस्ट कवर करीब 15 फीसदी घट गया है। हालांकि अब भी इस जिले का कुल वन क्षेत्रफल 47 प्रतिशत है।

झारखंड में सबसे ज्यादा फॉरेस्ट कवर वाला जिला लातेहार है। यहां कुल भौगोलिक क्षेत्रफल का 55 फीसदी इलाका वन क्षेत्र है। इसी तरह हजारीबाग जिले में कुल क्षेत्रफल का 47 फीसदी वन क्षेत्र है। सबसे कम फॉरेस्ट कवर वाला जिला देवघर है, जहां करीब 8 फीसदी इलाका ही वन क्षेत्र है। इसी तरह धनबाद में मात्र 10.84 और दुमका में 11.34 फीसदी वन क्षेत्र इलाका पाया गया है। राज्य के नगर निकायों की बात करें तो सबसे ज्यादा 20.42 प्रतिशत वन क्षेत्र रामगढ़ में है।

राज्य में वन क्षेत्र और हरियाली में विस्तार जरूर हुआ है, लेकिन घने वन क्षेत्र के मामले में स्थिति बेहतर नहीं है। रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य में सिर्फ 3.31 प्रतिशत घना वन क्षेत्र है।

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