मुख्यमंत्री योगी ने प्रदेश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा है। इसी क्रम में प्रदेश भर में विशेष अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत 15 जिले में खासतौर पर टीबी रोगियों की पहचान, इलाज और जागरूकता बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं। इनमें अयोध्या, सीतापुर, बाराबंकी, देवरिया, इटावा, अमेठी, बस्ती, फर्रुखाबाद, हाथरस, पीलीभीत, प्रतापगढ़, रायबरेली, रामपुर, सिद्धार्थनगर, सुल्तानपुर शामिल हैं, जहां टीबी के मामलों की दर अपेक्षाकृत अधिक है।
अभियान के उद्देश्य के मुताबिक टीबी के उन रोगियों को खोजने पर जोर दिया जा रहा है, जिनकी अब तक पहचान नहीं हुई है। साथ ही समय पर उपचार और बेहतर देखभाल के जरिए टीबी से होने वाली मौतों को कम करना है। इसके अलावा व्यापक जागरूकता फैलाने के साथ एहतियातन कदम उठाकर उन्हें समाज की मुख्यधारा से जोड़ा जा सके।
अभियान के तहत 7 दिसंबर से 19 दिसंबर के बीच 27,00,377 लोगों की स्क्रीनिंग की गई, जबकि 35,451 व्यक्तियों का माइक्रोस्कोपी और 26,642 व्यक्तियों का एनएएटी परीक्षण किया गया। इस दौरान 2,20,520 टीबी रोगियों को चिह्नित किया गया। वहीं, निक्षय पोषण योजना के तहत 49,850 टीबी रोगियों को लाभ पहुंचाया गया है। इसके अतिरिक्त 1,96,520 लोगों को टीबी से बचाव के लिए उपचार दिया गया।
योगी सरकार द्वारा टीबी उन्मूलन के लिए विशेष कदम उठाए जा रहे हैं। इसमें निक्षय मित्र अभियान के तहत टीबी मरीजों को गोद लेने की योजना, जिसमें सामुदायिक सहयोग को बढ़ावा दिया जा रहा है। तेज निदान और उपचार के लिए आधुनिक एनएएटी मशीनों और मोबाइल मेडिकल यूनिट्स का उपयोग किया जा रहा है। सीएम योगी के निर्देश पर धार्मिक, सामाजिक और शैक्षिक संगठनों के साथ मिलकर व्यापक जागरूकता फैलाई जा रही है।