इसके साथ ही मांग की है कि जो लोग इनको आश्रय दे रहे हैं, नौकरी दे रहे हैं, उन पर भी चिन्हित करके कड़ी कार्रवाई की जाए।
उन्होंने अपने पत्र में कहा, “आज महाराष्ट्र के प्रमुख शहरों में विशेषकर मुंबई में यह लोग (बांग्लादेशी लोग) बड़ी संख्या में रहते हैं। यह लोग यहां पर विभिन्न प्रकार की आर्थिक गतिविधियों में शामिल हैं, जिसमें मछली व्यवसाय, भंगार, ऑटो ड्राइवर और सफाई का काम शामिल है।”
उन्होंने अपने पत्र में आगे कहा, “किसी ने पता पूछा तो बंगाल से बंगाली बन कर बांग्लादेशी रोहिंग्या अपना परिचय दे देते हैं। इन सभी की जांच कर इन पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई तो होनी चाहिए। लेकिन, उसके पहले सरकार के द्वारा एक दिशा निर्देश जारी हों, जिसके तहत उन लोगों पर भी कार्रवाई की जानी चाहिए, जो इन्हें आश्रय दे रहे हैं।”
उन्होंने कहा, “मुझे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से बहुत उम्मीद है। मेरे पत्र पर विशेष ध्यान देकर उचित कार्रवाई का आदेश देने की कृपा करें।”
अर्जुन गुप्ता भाजपा उत्तर भारतीय मोर्चा के उपाध्यक्ष के अलावा सेंसर बोर्ड के सदस्य भी रह चुके हैं।
बता दें कि बांग्लादेश में रह रहे हिंदुओं पर हिंसात्मक कार्रवाई के बाद भारत में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशियों के खिलाफ लोगों का गुस्सा अपने चरम पर पहुंच चुका है। सभी लोग यही कह रहे हैं कि जब बांग्लादेश में हिंदुओं भाइयों-बहनों के साथ इस तरह की करतूत हो रही है, तो ऐसी स्थिति में हमारे यहां किसी बांग्लादेशी को रहने का अधिकार नहीं है।
इस बीच, सरकार की तरफ से भारत में रह रहे अवैध बांग्लादेशियों को चिन्हित करने की कवायद भी शुरू की जा चुकी है।