उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में मिले मंदिर पर हुआ यज्ञ, मुस्लिमों ने की पुष्प वर्षा

23 Dec, 2024 2:49 PM
उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में मिले मंदिर पर हुआ यज्ञ, मुस्लिमों ने की पुष्प वर्षा
मुजफ्फरनगर, 23 दिसंबर (आईएएनएस): । उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में भी मुस्लिम आबादी के बीच एक शिव मंदिर मिला है, जिसे सोमवार को पूजा-अर्चना और यज्ञ करके जागृत किया गया। इस दौरान मुस्लिम समुदाय के लोगों ने भी यज्ञ में भाग लिया और पुष्प वर्षा भी की।

मुजफ्फरनगर के पुलिस के क्षेत्राधिकारी व्योम बिंदल ने बताया कि आज यहां पर पूजा का एक कार्यक्रम रखा गया था जो शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ। इसमें पुलिस और स्थानीय लोगों का आपसी सहयोग बड़ा अच्छा रहा।

महंत स्वामी यशवीर ने दावा किया कि यह शिव मंदिर उनका है। उन्होंने कहा कि मुजफ्फरनगर जिले में इस स्थान पर पहले हिन्दू रहते थे। वे पलायन कर गए। फिर यहां 35 वर्षों से पूजा बंद हो गई थी। इस मंदिर को हवन के माध्यम से जागृत किया गया है। अब पूजा शुरू रहेगी।

उन्होंने कहा, "यहां के मुस्लिम समाज के लोग हमारे भाई-बहन हैं। उनके पूर्वज हिंदू ही थे। शिव मंदिर इनके पूर्वजों का था। इसी कारण यह पुष्प वर्षा की गई है। जब इनको कोई जिहादी आकर भड़काते हैं तो ये लोग हिंदुओं पर चाकू-छुरा और गोली बरसा देते हैं।" उन्होंने मुस्लिमों को घर वापसी की सलाह दी।

उन्होंने कहा कि अतिक्रमण हटाने के बाद दो दिन में मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा होगी।

स्थानीय निवासी मोहम्मद सलीम ने कहा कि यहां बहुत पुराना और जर्जर मंदिर था जो आबाद हो रहा है। पहले यहां पर आबादी कम थी। यहां पर हिंदू समाज ने इस मंदिर को बनाया। यहां आबादी बढ़ती गई। हिंदू अपनी मर्जी से यहां से गए हैं। अपने धार्मिक स्थल पर अपना काम हो रहा है। फूलों की वर्षा हो रही है। भाईचारा बना है। अच्छी बात है।

एक और स्थानीय निवासी ने बताया कि मुजफ्फरनगर के लद्दावाला मोहल्ले में 1970 का प्राचीन महादेव का मंदिर है। यहां पर विभिन्न संगठनों के माध्यम से हवन पूजन हो रही है। प्रशासन का बहुत सहयोग रहा है। मुस्लिमों ने बहुत अच्छी पुष्प वर्षा से स्वागत किया है। यहां पर जो अतिक्रमण है वह हटेगा। उसे फिर सजाया जाएगा।

मुजफ्फरनगर के नगर कोतवाली क्षेत्र के मोहनलाल लद्दावाला मोहल्ले में कई साल पहले इस शिव मंदिर की स्थापना की गई थी। उस समय ये क्षेत्र हिंदू बाहुल्य हुआ करते थे। लेकिन धीरे-धीरे मुस्लिम आबादी बढ़ने के बाद हिंदू समाज के लोग यहां से पलायन कर गए और यह मंदिर काफी जीर्ण हो गया।

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