आनंद दुबे ने कहा,"महाविकास अघाड़ी और 'इंडिया अलायंस' देश और राज्य के चुनाव के लिए बने थे। लेकिन स्थानीय निकाय चुनाव को लेकर कार्यकर्ताओं की मांग है कि हमें ज्यादा से ज्यादा संख्या में लड़ना है, हमारे कार्यकर्ता जगह पर हैं। विधानसभा चुनाव में कार्यकर्ताओं ने दबाव सहा है, उनका टिकट कटा है, अब वे चाहते हैं कि निकाय चुनाव में वो ज्यादा से ज्यादा लड़ेंं। ऐसे में पार्टी में कार्यकर्ताओं के उत्साह और गठबंधन धर्म दोनों को देखना पड़ता है।"
आनंद दुबे ने आगे कहा, "इंडिया अलायंस केंद्र की भाजपा सरकार को हटाने के लिए बना था, लेकिन जब से वो बना तब से आज तक ना कोई मीटिंग हो पा रही है, ना कोई समन्वय है, ना एकता दिख रही है। ऐसे में इस गठबंधन की क्या आवश्यकता है। कांग्रेस पार्टी को इसे समझना चाहिए। वो गठबंधन में बड़े भाई की भूमिका में थे। लेकिन वो उदासीन हो गए हैं और उनको लगता है कि 2029 में इंडिया अलायंस की जरूरत पड़ेगी। इसलिए हमने निकाय चुनाव अकेले लड़ने का फैसला किया है। हमें ना इंडिया अलायंस और ना ही महागठबंधन की जरूरत है, हम स्वयं अपने आप में एक ताकतवर लोग हैं। चुनाव लड़ने और इंडिया अलायंस को लेकर हमारी भूमिका स्पष्ट है।"
उन्होंने कहा, "महाविकास अघाड़ी में शरद पवार और उद्धव ठाकरे बहुत अच्छे से समन्वय बनाकर चल रहे हैं। लेकिन महाराष्ट्र कांग्रेस की इकाई गंभीर नहीं है। हम उनको नहीं छोड़ रहे, बल्कि वो हमें छोड़कर जा रहे हैं।"
पालिका चुनाव को लेकर चल रही तैयारी पर शिवसेना (यूबीटी) नेता ने कहा, " सभी 29 महानगर पालिका के लिए हमारी तैयारी तेजी से चल रही है। आदित्य ठाकरे और उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में हम इस बार बहुत अच्छा काम करके दिखाएंगे। हमारे लोग बहुत अधिक संख्या में चुनाव लड़ने के लिए उत्साहित और उत्सुक हैं। यह चुनाव मुंबई और महाराष्ट्र की बेहतरी के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।"