अर्जुन सिंह ने से कहा, "पश्चिम बंगाल की शासन व्यवस्था में गंभीर खामियां हैं, चाहे वह स्वास्थ्य विभाग हो, शिक्षा, राशन वितरण व्यवस्था, सप्लाई लाइन हो, या गरीब बच्चों को साइकिल देने की बात हो। सभी व्यवस्था ममता बनर्जी और उनके परिवार के इर्द-गिर्द समेट दी गई हैं। यह सब केवल पैसे की उगाही के लिए हो रहा है। स्थिति इतनी खराब हो चुकी है कि इनको जनता की कोई परवाह नहीं है, इनका उद्देश्य सिर्फ पैसा कमाना है। आज बंगाल की जनता को इस भ्रष्ट व्यवस्था का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है, जिसके कारण कई लोग बीमार हो रहे हैं, और एक मां की मृत्यु भी हो चुकी है। इसके बावजूद स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव को आज तक गिरफ्तार नहीं किया गया। ममता बनर्जी के परिवार और उनके रिश्तेदारों के खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है? क्यों इन पर अंकुश नहीं लगाया जा रहा? और कितने लोगों की मौत के बाद कार्रवाई की जाएगी?"
उन्होंने ममता बनर्जी पर फेयर प्राइस शॉप (राशन की सरकारी दुकान) का नाम लेकर झूठ बोलने का आरोप लगाते हुए कहा कि डॉक्टर कहते हैं कि इन दुकानों से सामान न खरीदें, क्योंकि इससे लोगों की जान को खतरा हो सकता है। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में सिर्फ कुछ खास लोगों और मीडिया द्वारा जनमत को दबाने का प्रयास हो रहा है। यह समय की जरूरत है कि बंगाल में एक बड़ा आंदोलन उठे, जो सरकार की नींव हिला सके, क्योंकि अगर ऐसा नहीं हुआ, तो बंगाल "बांग्लादेश" बनने की दिशा में बढ़ सकता है।