बघेल ने से बात करते हुए कहा, "अरुण साव ने विधानसभा में जो बिल प्रस्तुत किया था, उस पर राज्यपाल ने अभी तक हस्ताक्षर क्यों नहीं किए, यह एक बड़ा सवाल है। दूसरी बात, 73वें और 74वें संविधान संशोधन में कहीं भी उल्लेख नहीं है कि चुनावों की अवधि बढ़ाई जा सकती है। इसमें यह साफ लिखा गया है कि पंचायती चुनाव के पांच साल पूरा होने से 6 महीने पहले चुनाव कराए जा सकते हैं। इसका मतलब यह नहीं कि पांच साल की अवधि पूरी होने के बाद समय बढ़ाया जा सकता है। इसके बावजूद इस प्रक्रिया को असंवैधानिक तरीके से बढ़ाया गया है।"
उन्होंने आगे कहा, "जब पंजाब और मध्य प्रदेश की सरकारों ने चुनावी अवधि में वृद्धि की, तो सुप्रीम कोर्ट में कुछ लोगों ने याचिका दायर की थी। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने दोनों सरकारों को फटकार लगाते हुए चुनाव कराने के लिए एक समयबद्ध कार्यक्रम दिया। इसके बावजूद अगर उपमुख्यमंत्री इस निर्णय का समर्थन करते हैं, जो खुद भी वकालत करते रहे हैं, तो उनके वकालत के ज्ञान पर सवाल उठने लाजिमी हैं। दूसरी बात, ओबीसी के लिए आरक्षण की स्थिति में स्पष्टता का अभाव है।"
बघेल ने कहा, "न तो महिला और न ही पुरुष के लिए ओबीसी आरक्षण किया गया है, जबकि इससे पहले चाहे रमन सिंह मुख्यमंत्री रहे हों या मैं, दोनों ने 27 जिलों में से 7 जिलों में ओबीसी के लिए जिला पंचायतों में आरक्षण सुनिश्चित किया था। वर्तमान में बस्तर और सरगुजा में एक भी वार्ड ओबीसी के लिए आरक्षित नहीं है। इससे यह साबित होता है कि जो बातें कही जाती हैं, वे हकीकत में कुछ और ही होती हैं। इनकी कथनी और करनी में अंतर साफ दिखाई देता है।"
पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या पर सरकार के रवैए पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा, "मुकेश चंद्राकर की हत्या से पूरे देश में शोक की लहर फैल गई थी। पत्रकार की हत्या के बाद जो सहायता दी गई, उसमें इतना विलंब क्यों हुआ? दूसरी बात, मुकेश की मौत के बाद उसकी लाश को जिस तरह से छुपा कर रखा गया और अस्थि कलश को भी बिखेर दिया गया, यह पूरी तरह से निंदनीय और असंवैधानिक कृत्य था। मुकेश को अपमानित करने की कोई कसर नहीं छोड़ी गई और सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी रही। यह बेहद शर्मनाक है। इसके अलावा, जो 10 लाख रुपये उसके परिवार को दिए गए हैं, वह अपर्याप्त हैं। इस आर्थिक मदद से परिवार की स्थिति सुधारने में कोई खास मदद नहीं मिलेगी।
उन्होंने आगे कहा, "सरकार को मुकेश के परिवार को पहले नौकरी देनी चाहिए। सबसे बड़ी बात यह है कि जिस मुद्दे को लेकर मुकेश लड़ाई लड़ रहे थे, उसकी जांच की घोषणा अब तक क्यों नहीं की गई? सड़क निर्माण का भुगतान हो गया, लेकिन उस सड़क के निर्माण के लिए जिम्मेदार लोग कौन थे, इसकी जांच अभी तक क्यों नहीं की गई? इसका मतलब यह है कि सरकार अपराधियों को बचा रही है और न्याय की प्रक्रिया में अड़चन डाल रही है।"
इसके बाद कांग्रेस सांसद राहुल गांधी द्वारा आप संयोजक अरविंद केजरीवाल पर किए गए तीखे हमले पर बघेल ने कहा, "राहुल गांधी की सभा में जो विषय उठाए गए, जैसे आरक्षण, अल्पसंख्यकों के अधिकार, और संविधान, उन सभी मुद्दों पर उन्होंने अपने विचार रखे। आज जो दृष्टिकोण प्रधानमंत्री मोदी का है, वही दृष्टिकोण पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का भी है। दोनों नेताओं की सोच और दृष्टिकोण इस मामले में एक जैसे हैं।"