सरकारी चीजों को अपना समझ लेते हैं केजरीवाल : कमलजीत सहरावत

14 Jan, 2025 7:04 PM
सरकारी चीजों को अपना समझ लेते हैं केजरीवाल : कमलजीत सहरावत
नई दिल्ली, 14 जनवरी (आईएएनएस): । भाजपा सांसद कमलजीत सहरावत ने मंगलवार को आम आदमी पार्टी के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार पर सवाल उठाया और कहा कि जनता समझ चुकी है और इस बार दिल्ली में भाजपा की सरकार बनेगी।

भाजपा सांसद कमलजीत सहरावत ने कहा, "आयुष्मान योजना के तहत हर गरीब व्यक्ति को पांच लाख रुपये का स्वास्थ्य लाभ बीमा मिलता है। किसी भी देश के नागरिक के लिए सरकार द्वारा चलाई गई यह सबसे बड़ी योजना है। पूरे भारत में हर राज्य ने इस योजना को स्वीकार किया, लेकिन दिल्ली के मुख्यमंत्री ने इसे लागू नहीं किया। यह दिल्ली की जनता के साथ बहुत बड़ा धोखा है। अब तो कोर्ट ने भी यह फैसला दे दिया है कि 5 जनवरी से पहले दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार के बीच समझौता हो जाना चाहिए, लेकिन वह भी करने से अरविंद केजरीवाल ने मना कर दिया। ...तो दिल्ली जनता इस बात को देख रही है।"

उन्होंने कहा कि भाजपा ने जो कहा है, उसे करके दिखाया है। इसलिए 5 फरवरी को दिल्ली की जनता भाजपा के सभी साथियों को वोट देकर जिताएगी। राजौरी गार्डन से हमारे भाजपा के उम्मीदवार मनजिंदर सिंह सिरसा हैं और मुझे उम्मीद है कि वह चुनाव जीतेंगे। इस बार दिल्ली में हमारी सरकार बनेगी।

कमलजीत सहरावत ने अरविंद केजरीवाल पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा, "अरविंद केजरीवाल की पार्टी का यही तो अंदाज है कि वह सरकारी चीजों को अपना समझ लेते हैं। वह कैसे पढ़े लिखे मुख्यमंत्री हैं, जिन्होंने 'शीश महल' को अपना घर समझकर बना लिया, लेकिन अब इनको छोड़ना पड़ रहा है तो तकलीफ हो रही है। सरकारी गाड़ी का इस्तेमाल चुनाव में कैसे हो सकता है? वह तो पढ़े लिखे हैं और उनको पता होना चाहिए कि प्रवेश वर्मा अपने पिता के फाउंडेशन में अब से पहले भी काम करते रहे हैं।"

उन्होंने कहा, "अरविंद केजरीवाल जिस समय 'शीश महल' और आबकारी नीति बना रहे थे, उस समय प्रवेश वर्मा कोरोना के मरीजों के बीच में खड़े होकर उन्हें दवाइयां मुहैया करवा रहे थे और राशन बांट रहे थे। वह अपनी संस्था का प्रयोग करते हैं न कि सरकारी साधनों का।"

भाजपा सांसद ने कहा, "अरविंद केजरीवाल अगर देश की बात करें तो ठीक नहीं लगता। अर्बन नक्सल बोलने वाले व्यक्ति ने आज दिल्ली का जो हाल बनाया है, उसे पूरा देश देख रहा है। राहुल गांधी के बारे में कुछ कहना इसलिए सही नहीं है, क्योंकि मानसिकता का दिवालियापन दिखता है। एक राष्ट्रीय पार्टी अगर एक स्टेट पार्टी के साथ गठबंधन करती है तो उसकी कोई विचारधारा और सोच नहीं है। अगर दोनों दलों को भाजपा को रोकना होता है तो एक हो जाते हैं। इसलिए इस बार दिल्ली की जनता इनके षड्यंत्र में नहीं आने वाली है।"

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