सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "नेशनल हल्दी बोर्ड की स्थापना बहुत खुशी की बात है। खासकर भारत भर में हमारे मेहनती हल्दी किसानों के लिए।"
उन्होंने पोस्ट में आगे लिखा, "इससे हल्दी उत्पादन में इनोवेशन, वैश्विक प्रचार और मूल्य संवर्धन के बेहतर अवसर सुनिश्चित होंगे। इससे सप्लाई चेन मजबूत होगी, जिससे किसानों और उपभोक्ताओं दोनों को लाभ होगा।"
तेलंगाना के निजामाबाद मुख्यालय वाले नेशनल हल्दी बोर्ड हल्दी की खेती से जुड़े किसानों के कल्याण और अच्छी वैरायटी एवं निर्यात पर ध्यान केंद्रित करेगा।
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, "मकर संक्रांति के शुभ अवसर पर "मुझे नेशनल हल्दी बोर्ड का उद्घाटन करते हुए बेहद खुशी हो रही है।"
केंद्रीय मंत्री ने एक्स पर पोस्ट किया, "हम रसोई के आवश्यक और स्वास्थ्यवर्धक उत्पाद के रूप में वैश्विक स्तर पर हल्दी की बढ़ती लोकप्रियता का लाभ उठाने के लिए उत्पादन को बढ़ावा देना चाहते हैं।"
गोयल ने आगे कहा, "हमारा उद्देश्य हल्दी की वैल्यू चेन में इन्फ्रास्ट्रक्चर, टेक्नोलॉजी और स्किल्स को मजबूत करना और हल्दी के बारे में हमारे सदियों पुराने ज्ञान को संरक्षित और प्रचारित करना है, जिससे इसका लाभ हमारे किसानों, निर्यातकों और अर्थव्यवस्था को मिल सके।"
नेशनल हल्दी बोर्ड महाराष्ट्र, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, मध्य प्रदेश, मेघालय और अन्य सहित 20 राज्यों में फैले हल्दी किसानों के कल्याण पर विशेष ध्यान देगा।
इसके अतिरिक्त, बोर्ड हल्दी उत्पादन और निर्यात की गुणवत्ता और सुरक्षा मानकों को भी सुनिश्चित करेगा।
वित्त वर्ष 2023-24 में भारत में 3.05 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में हल्दी की खेती की गई थी और इस दौरान उत्पादन 10.74 लाख टन रहा था।