प्रवेश वर्मा का पिता के समय का है एनजीओ, फ्रस्टेशन में बेहूदी बातें कर रहे केजरीवाल : हरदीप सिंह पुरी

14 Jan, 2025 5:07 PM
प्रवेश वर्मा का पिता के समय का है एनजीओ, फ्रस्टेशन में बेहूदी बातें कर रहे केजरीवाल : हरदीप सिंह पुरी
नई दिल्ली, 14 जनवरी (आईएएनएस): । दिल्ली विधानसभा चुनाव के बीच आम आदमी पार्टी (आप) ने भाजपा उम्मीदवार प्रवेश वर्मा पर पैसे बांटने का आरोप लगाया है। आप के आरोप पर अब केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी की प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने कहा कि आप के नेताओं का फ्रस्टेशन लेवल बढ़ गया है, इसलिए वह ऐसी बेहूदी बातें कर रहे हैं।

केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने मंगलवार को से खास बातचीत में कहा, "अरविंद केजरीवाल, प्रवेश वर्मा की बात क्यों कर रहे हैं, जबकि वर्मा ने पहले ही बोल दिया है कि एनजीओ उनके पिता के समय का है और उसके जरिए ही लोगों को पैसे दिए जा रहे हैं। आप के नेताओं का फ्रस्टेशन लेवल बढ़ रहा है, इसलिए वह ऐसी बातें कर रहे हैं।"

राहुल गांधी द्वारा भाजपा और आप को एक बताए जाने के आरोपों पर हरदीप सिंह पुरी ने पलटवार करते हुए कहा, "उनको बुद्धि वाली बात करनी चाहिए।"

अरविंद केजरीवाल के देश को बचाने वाले बयान पर उन्होंने कहा, "कौन देश को बचा रहा है, यह सबको पता है। एनआरआई स्टेटस के लिए 6 महीने देश के बाहर रहना पड़ता है, वह अब उसके नजदीक आ रहे हैं। हम इसके लिए एक नई कैटेगरी एनआरआई पॉलिटिशियन शुरू करेंगे। केजरीवाल ने साल 2012 में बोला था कि सीएजी अगर नहीं होती तो कांग्रेस ने देश को बेच दिया होता। अब वह कैग की रिपोर्ट को विधानसभा के पटल पर क्यों नहीं रखते, जबकि कल भी उनको हाई कोर्ट ने कहा है कि कैग रिपोर्ट को वक्त रहते विधानसभा के पटल पर रखना चाहिए था।"

इससे पहले दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने भाजपा उम्मीदवार प्रवेश वर्मा पर सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा, "पूरी दुनिया ने देखा, सभी टीवी चैनल ने लाइव चलाया, महिलाओं ने टीवी पर आकर कहा कि हमें 1,100 रुपये दिए गए कि हम कमल का बटन दबाएं। उसके कुछ दिन बाद प्रवेश वर्मा फोटो पोस्ट करते हैं कि वह हेल्थ कैंप चला रहे हैं और चश्मा बांट रहे हैं। उसके बाद किदवई नगर के इलाके में चादर और डबल बेड शीट्स बांट रहे हैं, वो भी अपने नाम के पोस्टर के साथ। उसमें इलेक्शन कमीशन को आचार संहिता का उल्लंघन नहीं दिखता। खुले आम पैसे बांट रहे हैं, चश्मा बांट रहे हैं, खुलेआम बेडशीट बांट रहे हैं। सवाल उठता है कि पुलिस किसके साथ है?"

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