बिहार: विधायक चेतन आनंद को मिला नया आवास, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी पहुंचे

15 Jan, 2025 2:02 PM
बिहार : विधायक चेतन आनंद को मिला नया आवास, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी पहुंचे
पटना, 15 जनवरी (आईएएनएस): । खरमास समाप्त होने के बाद बुधवार को विधायक चेतन आनंद को नया सरकारी आवास मिल गया। चेतन आनंद के सरकारी आवास में प्रवेश करने के बाद दही-चूड़ा भोज का भी आयोजन किया गया, जिसमें बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित कई मंत्री पहुंचे।

दरअसल, नगर विकास एवं आवास विभाग ने गर्दनीबाग में बनाए गए एक फ्लैट को चेतन आनंद के नाम पर आवंटित किया। गृह प्रवेश के मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और दोनों उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा सहित कई मंत्री भी उपस्थित रहे।

आगंतुकों का स्वागत चेतन आनंद की मां और सांसद लवली आनंद और पूर्व सांसद आनंद मोहन ने किया। मुख्यमंत्री ने वहां दही चूड़ा के भोज में भाग लिया और फिर उसके बाद वहां से निकल गए।

इस मौके पर विधायक चेतन आनंद ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सहित सभी अभिभावक लोग आए, बड़ी खुशी हुई। यह बड़ा शुभ मौका है। यह पहला सरकारी आवास भी है।

इधर, सांसद लवली आनंद ने कहा कि मकर संक्रांति के मौके पर चूड़ा-दही का भोज और लोगों से मुलाकात हम लोगों की संस्कृति रही है। आज इस शुभ मौके पर सभी लोग आए हैं। गृह प्रवेश भी हुआ है। इन सभी लोगों से पारिवारिक रिश्ता रहा है।

पूर्व सांसद आनंद मोहन ने कहा कि हाल ही में चार विधानसभा क्षेत्रों में हुए उप चुनाव में महागठबंधन चारों खाने चित्त हो गया। जिसने इस उप चुनाव को सेमी फाइनल बताते हुए कहा था कि यह सेमी फाइनल ही 2025 का फाइनल भी तय करेगा, तो सेमी फाइनल ने तय कर दिया है।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से जुड़े एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार वही हैं और अपनी राजनीति से पूरे देश को प्रभावित कर रहे हैं। पत्रकारों ने जब उनसे पूछा कि 'अगले चुनाव में सत्ता की चाबी नीतीश कुमार के पास ही रहेगी', इस पर उन्होंने कहा, "सत्ता ही रहेगी, चाबी की क्या बात है।"

उल्लेखनीय है कि एक साल पहले ही शिवहर के विधायक चेतन आनंद सहित चार एमएलए राजद को छोड़कर एनडीए के साथ हो गए हैं। राजद लगातार इन सभी विधायकों की सदस्यता रद्द करने की मांग कर रही है। राजद ने पिछले दिनों विधानसभा अध्यक्ष को दल-बदल कानून के तहत इन चारों की सदस्यता रद्द करने की मांग करते हुए पत्र भी लिखा था। हालांकि, अभी तक इन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

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