आईएनएस सूरत के कमीशन होने पर भारतीय नौसेना के अधिकारि‍यों ने बताई इसकी खास‍ियत

मुंबई, 15 जनवरी ( आईएएनएस): । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को मुंबई के नौसेना डॉकयार्ड में तीन अग्रणी युद्धपोतों आईएनएस सूरत, आईएनएस नीलगिरि और आईएनएस वाघशीर को राष्ट्र को समर्पित किया। भारतीय नौसेना में तैनात अधिकारियों ने आईएनएस सूरत के बारे में जानकारी दी।

आईएनएस सूरत के कमीशन होने पर क्या बोले भारतीय नौसेना के अधिकारी ?
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आईएनएस सूरत के कप्तान संदीप शौरी ने से खास बातचीत में बताया, "हमारे लिए बहुत गर्व की बात है। आईएनएस सूरत पर तैनात सभी जवान भी बेहद खुश हैं, इसकी बड़ी वजह है कि यह जहाज भारत में ही बना है। आईएनएस सूरत दूसरे जहाजों की तरह ही है। हालांकि, इस जहाज पर एआई सिस्टम लगा हुआ है। इसके नाम एक नया रिकॉर्ड दर्ज हुआ है, यह जहाज बहुत कम समय में बनकर तैयार हुआ है। आज इसे 31 महीने के बाद भारतीय नौसेना में कमीशन किया गया है। इसकी क्षमता काफी अधिक है और इस पर दो हेलीकॉप्टर को एक साथ रखे जा सकते हैं।"

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लेफ्टिनेंट कमांडर मयंक भल्ला ने कहा, "मैं आईएनएस सूरत पर एक गर्नी ऑफिसर के रूप में तैनात हूं। मेरा काम जहाज पर मौजूद मिसाइल और गन का संचालन करना है। इस जहाज पर एडवांस मिसाइल सिस्टम मौजूद है, जो सतह से सतह और सतह से हवा में आसानी से किसी भी टारगेट को मार सकती है।"

लेफ्टिनेंट कमांडर अर्पित सांगवान ने आईएनएस सूरत के नौसेना में कमीशन होने पर खुशी जाहिर की। उन्होंने कहा, "मैं जहाज पर सिग्नल कम्युनिकेशन ऑफिसर की जिम्मेदारी संभालता हूं। आईएनएस सूरत अत्याधुनिक हथियारों से लैस जहाज है और इस जहाज का कम्युनिकेशन भी काफी मजबूत है, जो किसी परिस्थिति में काम करने में सक्षम है।"

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कमांडर सौरव बनर्जी ने कहा, "इस जहाज की सबसे बड़ी खासियत है कि यह एक रिकॉर्ड समय में बनकर तैयार हुआ है। साल 2022 में इसे लॉन्च किया गया और अब इसे नौसेना में कमीशन किया गया है।"

बता दें कि आईएनएस सूरत प्रोजेक्ट 15 बी श्रेणी के गाइडेड मिसाइल शक्ति विध्वंसक का चौथा और अंतिम जहाज है, जिसे साल 2011 में 29,700 करोड़ की लागत से मंजूरी दी गई थी। जहाज को भारतीय नौसेना के पूजा डिजाइन ब्यूरो द्वारा डिजाइन किया गया है और इसका निर्माण मुंबई के मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड द्वारा किया गया है। आईएनएस सूरत गुजरात के किसी शहर के नाम पर रखा गया पहला जहाज है और लॉन्च से लेकर डिलीवरी तक केवल 31 महीनों के रिकॉर्ड समय के साथ भारत में अब तक का सबसे तेज स्वदेशी रूप से बना जहाज है।

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Courtesy Media Group: IANS

 

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