रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) आईजी सुमति शांडिल्य ने को बताया कि "आरपीएफ का मार्चिंग दल और बैंड दल गणतंत्र दिवस परेड का हिस्सा है। इसके लिए पिछले ढाई महीने से दोनों दल लगातार मेहनत कर रहे हैं। विशेष बात यह है कि 144 सदस्यों के मार्चिंग दल में तीन उपदल बनाए गए हैं, जिनमें से दो महिलाओं के दल हैं। वहीं, 88 सदस्यों के बैंड दल के दोनों उपदल महिलाएं हैं। मार्चिंग और बैंड दल के सभी सदस्य स्वदेशी धुनों पर मार्च कर रहे हैं। हमारी मेहनत और लगन कर्तव्य पथ पर दिखेगी।"
'महाकुंभ 2025' के लिए आरपीएफ की तैनाती को लेकर आईजी ने बताया, "यह विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक मेला है। देश और विदेश के कोने-कोने से श्रद्धालु संगम में स्नान करने के लिए आते हैं, वे धार्मिक भावना से ओत-प्रोत होते हैं। महाकुंभ के दौरान जो पांच स्नान होते हैं, उनमें अधिक संख्या में आए लोगों को मैनेज करने की जरूरत होती है। रेलवे सुरक्षा बल के करीब छह हजार जवान महाकुंभ के लिए वहां तैनात हैं, जो 24 घंटे कड़ी मेहनत कर रहे हैं।"
उन्होंने कहा, "हाल में करीब तीन करोड़ लोगों ने स्नान किया। संभावित उतनी ही संख्या में रेल यात्री आए और गए होंगे। इस भीड़ को बहुत विस्तार से कंट्रोल किया जाता है, जिससे कोई दुर्घटना न हो। इसके साथ ही हमारे जवान सेवा भाव से काम करते हैं। किसी का बच्चा बिछड़ गया या कोई घायल हो गया, जिस प्रकार की सहायता की जरूरत होती है, वे देते हैं। हमारी कोशिश रहती है कि जिस तरह से सुरक्षित श्रद्धालु महाकुंभ में स्नान के लिए आए हैं, वे उसी सुरक्षा के साथ वापस भी अपने गंतव्य की ओर प्रस्थान करें।"