राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ‘भारतीय महिला हॉकी टीम की कप्तान और झारखंड की बेटी सलीमा टेटे को ‘अर्जुन पुरस्कार’ से सम्मानित होने पर बधाई व शुभकामनाएं। आपने अपनी प्रतिभा और कड़ी मेहनत से देश को गौरवान्वित किया है। मेरी कामना है कि आप भविष्य में भी उत्कृष्ट प्रदर्शन से देश का नाम रोशन करती रहें।’
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सलीमा टेटे को भविष्य में और बेहतर करने की शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने सलीमा टेटे को सोशल मीडिया पर टैग करते हुए लिखा, "आप अपने उम्दा खेल और नेतृत्व से हॉकी के क्षेत्र में नित नए आयाम स्थापित करें, यही कामना करता हूं। आज पुरस्कार पाने वाले अन्य सभी खिलाड़ियों को भी अनेक-अनेक बधाई और जोहार।"
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने इसे पूरे झारखंड के लिए गर्व का विषय बताते हुए कहा कि झारखंड की बेटी की शानदार उपलब्धि पर हम सभी को गर्व है।
उल्लेखनीय है कि झारखंड के सिमडेगा जिले के एक छोटे से गांव बड़की छापर की रहने वाली सलीमा ने ओलंपिक, कॉमनवेल्थ, वर्ल्ड कप सहित कई इंटरनेशनल स्तर की प्रतियोगिताओं में अपने शानदार प्रदर्शन से देश-दुनिया का दिल जीता है। सलीमा का यहां तक पहुंचने का संघर्ष बेहद कठिन रहा है। सलीमा ने जब गांव के मैदान में हॉकी खेलना शुरू किया था, तब उनके पास एक अदद हॉकी स्टिक भी नहीं थी। वह बांस की खपच्ची से बने स्टिक से खेलती थीं।
नवंबर 2013 में सलीमा को झारखंड सरकार की ओर से सिमडेगा में चलाए जाने वाले आवासीय हॉकी सेंटर के लिए चुना गया और उसी वर्ष दिसंबर के अंतिम सप्ताह में रांची में आयोजित राष्ट्रीय विद्यालय हॉकी प्रतियोगिता के लिए झारखंड टीम में चुनी गईं। इसके बाद से उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उनका सफर 2016 में शुरू हुआ, जब उन्हें जूनियर भारतीय महिला टीम के लिए चुना गया। इसके बाद टोक्यो ओलंपिक, विश्व कप, कॉमनवेल्थ गेम्स सहित कई अंतरराष्ट्रीय हॉकी प्रतियोगिताओं में उन्होंने देश की ओर से खेलते हुए शानदार प्रदर्शन किया। टोक्यो ओलंपिक में उनके खेल की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सराहना की थी।