राखी बिड़लान हरियाणा के झज्जर जिले के छारा गांव से ताल्लुक रखती हैं। उनका परिवार पहले कांग्रेस समर्थक था, लेकिन 2011 में अन्ना हजारे के जनलोकपाल आंदोलन के दौरान उनके परिवार ने कांग्रेस से किनारा कर लिया और उनका झुकाव आम आदमी पार्टी की ओर हो गया था।
राखी का जीवन एक संघर्ष की कहानी है। वह अपने मां-बाप की अनचाही संतान थीं, उनके परिजनों ने गर्भपात कराने की भी कोशिश की थी, लेकिन राखी बच गईं। उनके पिता भूपेंद्र सिंह बिड़लान ने एक बार बताया था कि डॉक्टर की सलाह पर गर्भपात के लिए राखी की मां को दवाइयां दी गई थीं, लेकिन फिर भी राखी बच गई।
राखी बिड़लान ने जनसंचार में स्नातकोत्तर की पढ़ाई की है और इसके बाद न्यूज चैनल में काम किया।
साल 2013 में मंगोलपुरी विधानसभा सीट से चुनाव जीतकर राखी ने राजनीति में पहला कदम रखा। आम आदमी पार्टी के प्रति उनकी निष्ठा और संघर्ष ने उन्हें पार्टी में एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाया। वह दिल्ली विधानसभा में डिप्टी स्पीकर के पद तक पहुंची और महिला एवं बाल विकास, समाज कल्याण मंत्री के रूप में भी अपनी भूमिका निभाई।
राखी बिड़लान के जीवन में विवादों की भी कोई कमी नहीं रही है। उनके पिता पर आम आदमी पार्टी से टिकट दिलाने का वादा करते हुए महिला से शारीरिक संबंध बनाने और मंगोलपुरी थाने में डॉक्टर से बदसलूकी का आरोप लगा। इसके अलावा, राखी के भाई विक्रम बिड़लान के खिलाफ घरेलू हिंसा का मामला भी सामने आया था, हालांकि बाद में शिकायत वापस ले ली गई। इस घटना के बाद, राखी ने सार्वजनिक नोटिस जारी कर अपने भाइयों से सभी रिश्ते तोड़ने का ऐलान किया।
राखी बिड़लान दिल्ली में आप की सबसे कम उम्र में मंत्री बनने वाली विधायक हैं। अरविंद केजरीवाल के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद यह चर्चा चली थी कि राखी बिड़लान को दिल्ली का मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है, हालांकि यह नहीं हो सका।
राखी अब मंगोलपुरी सीट के बजाए मादीपुर विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में उतरी हैं।