महाकुंभ में सिंगल यूज प्लास्टिक को पूरी तरह बैन करने के साथ ही प्राकृतिक उत्पाद दोना, पत्तल, कुल्हड़ और जूट व कपड़े के थैलों के प्रयोग को बढ़ावा दिया जा रहा है। मेला क्षेत्र में भी यही देखने के लिए मिल रहा है। कामगारों को इसका सीधा फायदा हुआ है। इस पर ने अलग-अलग कुहार से बातचीत की और सरकार के फैसले का उन पर असर जानने की कोशिश की।
कुहार उमाशंकर प्रजापति ने से बात करते हुए कहा, "महाकुंभ में कुल्हड़ के प्रयोग से हमारी रोजी-रोटी बढ़ गई है। मौसम खराब होने के कारण थोड़ा काम पर असर जरूर पड़ा लेकिन लगातार अच्छे ऑर्डर आने से रोजी-रोटी चल रही है और परिवार भी बहुत खुश है।" वहीं प्रधानमंत्री की योजनाओं के बारे में उन्होंने कहा पीएम मोदी की योजनाएं बहुत अच्छी हैं और ऐसी योजनाएं अभी तक कोई प्रधानमंत्री लेकर नहीं आया है।
उमाशंकर ने बताया कि मौजूदा कुंभ में मिट्टी के बर्तनों की मांग पहले के कुंभ के मुकाबले कहीं ज्यादा है। प्रधानमंत्री की सोच बहुत अच्छी है और वह हर वर्ग के लोगों के लिए सोचते हैं।
वहीं, एक और कुहार जवाहरलाल ने बताया कि इस समय महाकुंभ में मिट्टी के बर्तन की डिमांड इतनी अधिक है कि हम लोगों को दीपावली से भी ज्यादा इस समय फायदा हुआ है। प्लास्टिक मुक्त कुंभ होने के कारण ऑर्डर अच्छे आ रहे हैं। इतना ऑर्डर हो रहा है कि आपूर्ति से ज्यादा मांग है। प्रधानमंत्री योजना का फायदा बताते हुए उन्होंने कहा कि हमें प्रधानमंत्री मोदी द्वारा चाक मिला है। उससे हमारा काम और जल्दी हो जाता है और ज्यादा से ज्यादा सामान बन जाता है। दीपावली जैसा माहौल लग रहा है लेकिन इतनी कमाई दीपावली पर भी नहीं हुई थी। जवाहरलाल ने प्रधानमंत्री को धन्यवाद भी दिया।
शंकरलाल कुहार ने से बताया, "सरकार की सोच बहुत अच्छी है। मेले में कुल्हड़ की मांग बहुत ज्यादा है। इतना किसी और सरकार ने नहीं सोचा। हम लोगों को बहुत फायदा हो रहा है। पीएम मोदी बहुत अच्छा कर रहे हैं। प्लास्टिक बंद करके कुल्हड़ वाली चाय चल रही है जो बहुत अच्छी बात है।"