रेलवे की तरफ से स्टेशन पर चिकित्सा केंद्र बनाए गए हैं जो ऑब्जर्वेशन रूम के तौर पर हैं। ये ऑब्जर्वेशन रूम 24 घंटे खुले हुए हैं ताकि किसी भी आपातकालीन स्थिति में तीर्थयात्रियों को तुरंत उपचार मिल सके। विशेष चिकित्सा केंद्रों में हृदय संबंधित समस्याओं के लिए ईसीजी मशीन, दिल के रुकने पर डिफ़िब्रिलेटर, ऑक्सीजन की कमी को पूरा करने के लिए ऑक्सीजन कॉन्सेन्ट्रेटर और शुगर के मरीजों के लिए ग्लूकोमीटर जैसे उपकरण रखे गए हैं। इस तरह से ऑब्जर्वेशन रूम में सभी प्रकार की व्यवस्था है।
ऑब्जर्वेशन रूम में तैनात फार्मासिस्ट प्रदीप कुमार शुक्ला ने से बातचीत करते हुए बताया, "यहां पर सभी सुविधाएं स्टेशन पर हमारे नर्सिंग स्टाफ तैनात हैं। यहां तीन शिफ्ट में ड्यूटी चल रही है। यहां जो भी मरीज आते हैं उनका उचित इलाज हमारा निजी प्रयास रहता है। यहां प्राथमिक उपचार के सभी उपकरण मौजूद हैं। यह रेलवे की ओर से बड़ी सुविधा दी जा रही है। वैसे तो हमारे पास सभी प्रकार की व्यवस्था है लेकिन यदि हमें लगता है कि मरीज की हालत ज्यादा सीरियस है तो बाहर एंबुलेंस रहती है।"
उन्होंने आगे कहा, "मरीज की तबीयत ज्यादा खराब होने पर हम उसको निकट के हॉस्पिटल में रेफर कर देते हैं। इस काम के लिए दो एंबुलेंस हैं जो मरीज को रिसीव करती हैं और फिर यहीं लाकर ड्रॉप भी करती हैं। इस दौरान हम लोग रेफर मरीजों की मॉनिटरिंग भी करते रहते हैं। इसके अलावा मेडिकल सहायता केंद्र बने हुए हैं। यदि मरीज वहां ठीक होता है तो उसको वहीं उपचार दिया जाता है, अन्यथा ऑब्जर्वेशन रूम में लाया जाता है। यहां साफ-सफाई का भी विशेष ध्यान रखा गया है।"
ऑब्जर्वेशन रूम में मरीज आ रहे हैं और उनको इलाज भी मिल रहा है। ने इन मरीजों के साथ भी बातचीत की। इस दौरान मरीज के साथ आए युवक नवीन ने बताया कि उनकी भाभी की बहन की तबीयत अचानक खराब हो गई थी। उन्होंने कहा, "हम लोग सुबह गंगा स्नान के लिए निकलने वाले थे। लेकिन रात को ही उनकी तबीयत खराब हो गई और वह गिर गईं। जिसके बाद यहां पर उन्हें तुरंत लाया गया। यहां पर सभी सुविधाएं अच्छे से दी जा रही हैं और डॉक्टर देखभाल कर रहे हैं। निश्चित तौर पर रेलवे की तरफ से बढ़िया इंतजाम किए गए हैं।"