रांची में राष्ट्रीय पुस्तक मेले में राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश की 10 पुस्तकों का विमोचन

19 Jan, 2025 8:57 PM
रांची में राष्ट्रीय पुस्तक मेले में राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश की 10 पुस्तकों का विमोचन
रांची, 19 जनवरी (आईएएनएस): । झारखंड की राजधानी रांची में चल रहे राष्ट्रीय पुस्तक मेले में रविवार को राज्यसभा के उपसभापति और लेखक-पत्रकार हरिवंश की 10 पुस्तकों का विमोचन एक साथ हुआ।

ये किताबें 'समय के सवाल' श्रृंखला के तहत प्रकाशित हुई हैं। इन पुस्तकों में हरिवंश की चार दशक की पत्रकारिता में विभिन्न प्रकाशन संस्थानों और पत्र-पत्रिकाओं में लिखे गए आलेखों का संकलन है। हरिवंश ने 'धर्मयुग', 'रविवार', 'प्रभात खबर' जैसे संस्थानों के लिए पत्रकारिता की। इनमें करीब तीन दशक का कार्यक्षेत्र झारखंड रहा है।

पुस्तकों के विमोचन के बाद लेखकीय संवाद में हरिवंश ने कहा कि 21वीं सदी की चुनौती अलग है। अपढ़ वे नहीं होते जो पढ़ या लिख नहीं सकते, बल्कि वे हैं जो समय के साथ नहीं चल सकते। आज की दुनिया में जगह बनाने के लिए किसी मुल्क के लिए सबसे जरूरी है तकनीक की ताकत बनना और आर्थिक महाशक्ति बनना। इन दोनों पैमानों पर अगर हम सक्षम नहीं हुए तो बड़ी चुनौती सामने होगी। लेकिन अगर इसे समाज और व्यक्ति के तौर पर देखें तो सबसे बड़ी चुनौती चरित्र और भोगवाद की बढ़ती प्रवृत्ति की है। आज दुनिया उपभोक्तावाद के कब्जे में है, पर भारत अपने मूल्यों वाला देश रहा है।

झारखंड के संदर्भ में हरिवंश ने कहा कि यहां के आदिवासी समाज की संस्कृति से दुनिया प्रेरणा लेती है। यहां के लोगों में नैतिक ताकत है। बिहार से अलग होने के बाद बिहार के सामने चुनौती बड़ी थी। बिहार के पास संसाधन नहीं थे, पर वही बिहार आज विकास में आगे निकल गया। झारखंड में तो अपार संभावनाएं हैं। हरिवंश के साथ संवाद अंग्रेजी के प्राध्यापक प्रो. विनय भरत ने किया।

आयोजन में मुख्य अतिथि, वरिष्ठ पत्रकार—लेखक पद्मश्री बलबीर दत्त ने कहा कि एक साथ 10 किताबों का लोकार्पण ऐतिहासिक है। यह असंभव इसलिए संभव हुआ क्योंकि हरिवंश जी खूब लिखते-पढ़ते हैं। उन्होंने जनमुद्दों की पत्रकारिता की, इसलिए इनका लेखन जन इतिहास भी है।

बीज वक्तव्य देते हुए लेखक-प्राध्यापक और अध्येता रविदत्त वाजपेयी ने कहा कि इस श्रृंखला का नाम ‘समय के सवाल’ है, लेकिन हरिवंश जी अपने लेखन से सवालों का जवाब भी देते हैं।

आयोजन में विशिष्ट अतिथि के तौर पर साहित्यकार महादेव टोप्पो, वरिष्ठ पत्रकार-लेखक अनुज कुमार सिन्हा और पत्रकार-सामाजिक कार्यकर्ता दयामनी बारला की उपस्थिति रही। आयोजन का संचालन वरिष्ठ रंगकर्मी और लेखक अनीश अंकुर ने किया।

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