जयशंकर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "आज (सोमवार को) वाशिंगटन डीसी में अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह में विदेश मंत्री और प्रधानमंत्री के विशेष दूत के रूप में भारत का प्रतिनिधित्व करने का सौभाग्य मिला।"
इस यात्रा के दौरान उन्होंने ट्रंप प्रशासन के अधिकारियों और अन्य महत्वपूर्ण हस्तियों से मुलाकात की। इस यात्रा का उद्देश्य अमेरिका और भारत के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना था। साथ ही भारत और अमेरिका के संबंधों को ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद फिर से पुराने दौर जैसा करना है।
इससे पहले रविवार को विदेश मंत्री जयशंकर ने अपने जापानी समकक्ष ताकेशी इवाया के साथ द्विपक्षीय बैठक की। इस बैठक में दोनों मंत्रियों ने राजनीतिक, सुरक्षा, आर्थिक, तकनीकी और लोगों के बीच आपसी संपर्क सहित द्विपक्षीय सहयोग के महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की। यह जयशंकर और इवाया के बीच दूसरी मुलाकात थी। इससे पहले नवंबर 2024 में इटली में जी7 विदेश मंत्रियों की बैठक में भी दोनों की मुलाकात हुई थी।
विदेश मंत्रालय (एमईए) ने बताया कि इस बैठक ने भारत और जापान के बीच साझा विश्वास, मूल्यों और क्षेत्रीय स्थिरता के प्रति प्रतिबद्धता को और मजबूत किया। दोनों नेताओं ने आदान-प्रदान के स्तर और गति पर संतोष व्यक्त किया और रणनीतिक संवाद को बनाए रखने पर सहमति जताई।
इसके अलावा, दोनों देशों के बीच 1985 में विज्ञान और प्रौद्योगिकी सहयोग पर पहले समझौता ज्ञापन के 40 साल पूरे होने पर, मंत्रियों ने 2025-26 को भारत-जापान विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार वर्ष के रूप में घोषित करने का निर्णय लिया। इस दौरान, प्रौद्योगिकी, कौशल और शिक्षा के क्षेत्रों में लोगों के बीच आदान-प्रदान बढ़ाने के प्रयासों का भी स्वागत किया गया।