इस वर्ष पहली बार ‘प्रलय मिसाइल’ को गणतंत्र दिवस परेड में शामिल किया जा रहा है। भारत में बनी 'प्रलय' एक आधुनिक और बेहद घातक मिसाइल है। इस मिसाइल को डीआरडीओ ने विकसित किया है। यह सतह से सतह पर मार करने वाली बैलिस्टिक मिसाइल है।
केंद्रीय रक्षा सचिव आरके सिंह के मुताबिक इस वर्ष 26 जनवरी की परेड में ‘स्वदेशी’ पर विशेष जोर दिया जा रहा है। रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह ने बताया कि गणतंत्र दिवस परेड की शुरुआत भारतीय वाद्य यंत्रों से होगी। 300 कलाकार विभिन्न प्रकार के भारतीय वाद्य यंत्रों के साथ 26 जनवरी की परेड की शुरुआत करेंगे। ये कलाकार भारत के प्राचीन वाद्य यंत्रों के माध्यम से भारतीय संस्कृति और संगीत की प्रस्तुति देंगे।
26 जनवरी को कर्तव्य पथ पर आयोजित समारोह में इस बार कुल 31 झांकियां होंगी, जिनमें से 16 झांकियां विभिन्न राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों की होंगी। झारखंड के कलाकारों द्वारा मुख्य सलामी मंच के सामने राष्ट्रगान गाया जाएगा। संविधान के 75 वर्ष पूरे होने पर इस बार विभिन्न प्रतियोगिताएं व गतिविधियां आयोजित की गई हैं। गणतंत्र दिवस समारोह में भी संविधान के 75 वर्ष पूरे होने से जुड़े आयोजन रखे गए हैं।
गणतंत्र दिवस समारोह की मुख्य थीम ‘स्वर्णिम भारत: विरासत और विकास’ है। गणतंत्र दिवस परेड में अत्याधुनिक हथियार, मिसाइल सिस्टम, टैंक, आधुनिक कम्युनिकेशन संयंत्र व विशेष वाहन शामिल हैं। इनमें नाग मिसाइल सिस्टम, टी-90 भीष्म टैंक, सारथ टैंक, ब्रह्मोस मोबाइल लॉन्चर, चेतक ऑल टेरेन वाहन, बजरंग लाइट स्पेशलिस्ट वाहन, अग्निबाण मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्चर कर्तव्य पथ पर नजर आएंगे।
इस साल गणतंत्र दिवस पर फ्लाईपास्ट में भारतीय वायुसेना के 22 लड़ाकू विमान, 11 परिवहन विमान और सात हेलीकॉप्टर हिस्सा लेंगे। ये विमान वायुसेना के 10 अलग-अलग ठिकानों से उड़ान भरेंगे। हालांकि, इस साल तेजस विमान फ्लाई पास्ट में हिस्सा नहीं लेंगे। रक्षा सचिव के मुताबिक स्वदेशी व उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर (एएलएच) भी इस साल के फ्लाईपास्ट में नहीं हैं।