एनसीपी-एसपी नेता ने कहा, "जांच अब अपने नाजुक मोड़ पर पहुंच चुकी है। ऐसी स्थिति में पुलिस को चाहिए कि वो गंभीरतापूर्वक जांच करें और किसी भी प्रकार की लापरवाही बरतने से गुरेज करे। हालांकि मौजूदा समय में ऐसा कुछ भी देखने को नहीं मिल रहा है, बल्कि इसके इतर पुलिस अपना ही प्रचार कर रही है। अगर पुलिस को इस मामले की आड़ में खुद को प्रचारित ही करना है, तो उसे पुलिस की वर्दी फेंककर एक्टिंग शुरू कर देनी चाहिए। मौजूदा समय में इस मामले में किसी भी प्रकार की गंभीरता पुलिस की तरफ से देखने को नहीं मिल रही है।
मेनन ने कहा, "अभिनेता पर हमला करने वाले आरोपी के बारे में बताया जा रहा है कि वो बांग्लादेशी है, तो ऐसी स्थिति में मेरा सीधा-सा सवाल है कि वो भारत में कैसे आया? उसकी एंट्री कैसे हुई? आखिर हमारी पुलिस क्या कर रही थी? इतना ही नहीं, आरोपी के बारे में यह भी कहा जा रहा है कि उसने इससे पहले भी रेकी की थी। मतलब, यह पूरा मामला अपने आप में कई तरह के सवाल पैदा करता है। लेकिन, अफसोस हमारी पुलिस किसी भी सवाल का जवाब देने की स्थिति में नहीं है।"
उन्होंने कहा कि सरेआम मुंबई सरीखे शहर में अभिनेता सैफ अली खान पर हमला हो जाता है। निश्चित तौर पर यह पूरा मामला अब गंभीर रूप से ले चुका है। अब आरोपी के बारे में कहा जा रहा है कि वो बांग्लादेशी है, तो उसकी जांच करिए, लेकिन नहीं, आप लोग तो उस पूरे मुद्दे पर ढोल बजाकर उसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हवा दे रहे हैं, जिसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता है।
उन्होंने आगे कहा कि अब इस पूरे मुद्दे से राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश की जा रही है। कुछ लोग कह रहे हैं कि यह बांग्लादेशी दिल्ली से घुसा है, तो दिल्ली की केजरीवाल सरकार क्या कर रही थी। इससे किसी को न्याय नहीं मिलेगा। पहले पुलिस को यह जांच करनी चाहिए कि यह आरोपी बांग्लादेशी है या नहीं। जब दिल्ली में कुछ दिनों बाद चुनाव होने जा रहे हैं, तब इस बात की प्रबल संभावना है कि चुनाव में इसका राजनीतिक लाभ प्राप्त करने की कोशिश की जा सकती है।