कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने से कहा, "पोस्टमार्टम रिपोर्ट देखने के बाद पता चला कि एक बेटी जो डॉक्टर के रूप में अनंत संभावना ली हुई थी, उसको वासना और बर्बरता के भेंट चढ़ना पड़ा, सिर्फ एक सिरफिरे इंसान के कारण। कोई अगर पोस्टमार्टम रिपोर्ट देख ले तो पता चलेगा कि लड़की के साथ कितनी निर्ममता और क्रूरता हुई। ऐसे में उसके साथ न्याय नहीं हुआ। दोषी को मौत की सजा होनी चाहिए थी, जो नहीं हुई है। सरकार को हाईकोर्ट में जाकर अपील करनी चाहिए और मौत के सजा की मांग करनी चाहिए। यह दुर्लभ अपराध में से एक है।"
उत्तराखंड कैबिनेट द्वारा समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को पास करने और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा पूरे उत्तराखंड में यूसीसी लागू करने को लेकर प्रमोद तिवारी ने कहा, "सालों से ऐसा सुन रहे हैं। हर चुनाव से पहले उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ऐसा बोलते हैं। अब दिल्ली चुनाव से पहले भी उन्होंने ऐसा बोला है। हम इस पर तभी प्रतिक्रिया देंगे, जब उसका प्रारूप और ड्राफ्ट प्रस्ताव के रूप में हमारे सामने आएगा।"
दिल्ली चुनाव में अवैध रोहिंग्या घुसपैठिए के मामले के तूल पकड़ने और उपराज्यपाल द्वारा पुलिस कमिश्नर को पत्र लिखकर इस पर कार्रवाई करने को लेकर कांग्रेस नेता ने कहा, "10 साल से दिल्ली में अरविंद केजरीवाल की सरकार है। एक केंद्र शासित प्रदेश होने के कारण दिल्ली की कानून व्यवस्था उपराज्यपाल के हाथों में है। लेकिन अब तक उन्होंने कुछ नहीं किया और जब चुनाव आ गया है, तो एलजी पत्र लिख रहे हैं। दिल्ली का कानून व्यवस्था केंद्र की भाजपा सरकार के हाथ में है। उन्होंने अब तक कार्रवाई क्यों नहीं की। रोहिंग्या दिल्ली आए कैसे और आए तो यहां पर रुके कैसे? लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि जो भी अवैध रूप से रह रहे हैं, उनको रहने का अधिकार नहीं है।"