दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025: 'गालिब' वाली बल्लीमारान सीट पर 'आप' को हैट्रिक की उम्मीद , भाजपा के लिए सेंध लगाना बड़ी चुनौती

नई दिल्ली, 22 जनवरी ( आईएएनएस): । दिल्ली विधानसभा चुनाव में बल्लीमारान सीट उन सीटों में शुमार है जिन पर मुस्लिम मतदाता ठीक-ठाक संख्या में हैं। यही वजह है कि इस सीट पर आम आदमी पार्टी की पकड़ मजबूत है और कांग्रेस पार्टी भी जीत हासिल करती आई है।

दिल्ली चुनाव 2025: कांग्रेस और आप का गढ़ है बल्लीमारान सीट, भाजपा के लिए सेंध लगाना बड़ी चुनौती
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ऊर्दू और फारसी के बड़े शायर मिर्जा असदुल्लाह बेग खान यानि मिर्जा गालिब के नाम से जानी जाती है बल्लीमारान सीट। यह चांदनी चौक लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र का हिस्सा है। इस क्षेत्र को 2008 में परिसीमन आयोग द्वारा पुनर्गठित किया गया था और तब से यह क्षेत्र दिल्ली की राजनीति में एक अहम स्थान बनाए हुए है।

यह क्षेत्र मुस्लिम बहुल है। यहां कई ऐतिहासिक इमारतें और हवेलियां भी हैं, जो इस क्षेत्र के सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व को दर्शाती हैं। बल्लीमारान विधानसभा सीट दिल्ली के सेंट्रल दिल्ली में आती है और यहां का मिजाज और सियासी स्थिति भी बहुत अलहदा है। चांदनी चौक बाजार, चावड़ी बाजार, ईदगाह रोड और प्रेम नगर जैसे इलाके आते हैं, ये जगहें खरीदारी के लिए मुफीद मानी जाती हैं।

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विधानसभा चुनाव के नतीजों पर नजर दौड़ाएं तो तस्वीर साफ होती है। 2020 में यहां आम आदमी पार्टी के इमरान हुसैन ने शानदार जीत दर्ज की। उन्हें 65,644 वोट मिले, जो कुल पड़े वोटों का 65 प्रतिशत था। हुसैन ने भारतीय जनता पार्टी की उम्मीदवार लता को 36,172 मतों के अंतर से हराया था, उन्हें 29,472 वोट मिले थे। कांग्रेस के उम्मीदवार हारून युसूफ को केवल 4,802 वोट मिले, और वह तीसरे स्थान पर रहे। यह चुनाव बीजेपी और कांग्रेस दोनों के लिए बड़ी निराशा लेकर आया। इस चुनाव में कुल 141,744 वोटर थे, जिनमें से 101,532 ने अपने मतों का प्रयोग किया।

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इससे पहले 2015 के चुनाव में भी आम आदमी पार्टी के इमरान हुसैन ने जीत दर्ज की थी। उन्हें उस चुनाव में 57,118 वोट मिले थे, जबकि बीजेपी के श्याम लाल मोरवाल को 23,241 वोट मिले थे और कांग्रेस के हारून युसूफ को 13,205 वोट मिले थे। 2015 में भी आम आदमी पार्टी ने इस सीट पर अपनी पकड़ मजबूत की थी और कांग्रेस को एक बड़ी हार का सामना करना पड़ा था।

बल्लीमारान विधानसभा क्षेत्र की सियासी यात्रा काफी दिलचस्प रही है। 1993 में अस्तित्व में आने के बाद, इस सीट पर कांग्रेस के हारून युसूफ का दबदबा रहा। उन्होंने 1993 से लेकर 2008 तक लगातार जीत हासिल की। 2008 में भी हारून ने चौथी बार जीत दर्ज की थी, जबकि बीजेपी के मोती लाल सोढ़ी दूसरे स्थान पर रहे थे। 2013 के चुनाव में भी हारून युसूफ ने जीत हासिल की, हालांकि इस चुनाव में आम आदमी पार्टी ने पहली बार किस्मत आजमाई, लेकिन उनका उम्मीदवार चौथे स्थान पर रहा। इस दौरान कांग्रेस ने जीत हासिल की और हारून युसूफ ने अपनी सीट बचाए रखी।

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इस सीट पर कुल 153,231 वोटर हैं, जिनमें से 83,202 पुरुष और 70,013 महिलाएं हैं, जबकि 16 ट्रांसजेंडर वोटर भी हैं। दिल्ली में विधानसभा चुनाव के लिए 5 फरवरी को वोटिंग होगी और मतों की गणना 8 फरवरी को होगी। बल्लीमारान विधानसभा क्षेत्र की सियासी स्थिति को देखते हुए, यह सीट दिल्ली की राजनीति में हमेशा से महत्वपूर्ण रही है। इस क्षेत्र में एक ओर खास बात यह है कि यहां के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पहलू भी इस क्षेत्र की राजनीतिक स्थितियों को प्रभावित करते हैं।

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Courtesy Media Group: IANS

 

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