एईएसएल की ओर से कहा गया कि वित्त वर्ष 25 की तीसरी तिमाही में कंपनी की कुल आय 24 प्रतिशत बढ़कर 6,000 करोड़ रुपये हो गई है। इसकी वजह हाल ही में शुरू हुई एमपी पैकेज- II, खारघर-विक्रोली, वरोरा-कुर्नूल, खावड़ा-भुज, महान-सीपत लाइनें और मुंबई एवं मुंद्रा यूटिलिटीज में उच्च ऊर्जा बिक्री है।
वित्त वर्ष 25 की तीसरी तिमाही में कंपनी का एबिटा 6 प्रतिशत बढ़कर 1,831 करोड़ रुपये रहा है। वहीं, कंपनी का ऑपरेशनल एबिटा 9 प्रतिशत बढ़कर 1,579 करोड़ रुपये रहा है। कंपनी के ट्रांसमिशन बिजनेस का ऑपरेटिंग एबिटा मार्जिन 92 प्रतिशत रहा है।
अदाणी एनर्जी सॉल्यूशंस के सीईओ कंदर्प पटेल ने कहा, "कंपनी समय पर प्रोजेक्ट कमीशनिंग के साथ-साथ परिचालन दक्षता हासिल करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है। इस तिमाही की बड़ी उपलब्धि एईएसएल द्वारा नए प्रोजेक्ट्स जीतना है, जो न केवल बाजार हिस्सेदारी हासिल करने में मदद करता है बल्कि भारत में सबसे बड़ी निजी ट्रांसमिशन कंपनी के रूप में एईएसएल की स्थिति को भी मजबूत करता है।"
पटेल ने कहा, "हमें विश्वास है कि ट्रांसमिशन में 54,761 करोड़ रुपये और स्मार्ट मीटरिंग में 13,600 करोड़ रुपये के बड़े ऑर्डर बुक के बावजूद कंपनी मजबूत परिचालन और वित्तीय प्रदर्शन जारी रखेगी, जिसका श्रेय मजबूत पूंजी प्रबंधन कार्यक्रम के साथ-साथ परिचालन उत्कृष्टता को जाता है।"
तिमाही के दौरान, कंपनी ने दो नई ट्रांसमिशन प्रोजेक्ट्स हासिल किए हैं, जिसमें खावड़ा चरण IV पार्ट-डी है, जिसकी लागत 3,455 करोड़ रुपये है और राजस्थान चरण III पार्ट-I (भड़ला-फतेहपुर एचवीडीसी) है, जिसकी लागत 25,000 करोड़ रुपये है, जिससे निर्माणाधीन नेटवर्क में 3,044 सर्किट किलोमीटर (सीकेएम) जुड़ गए।
कंपनी ने कहा कि इस साल अब तक पांच नए प्रोजेक्ट्स की जीत के साथ निर्माणाधीन प्रोजेक्ट पाइपलाइन वर्ष की शुरुआत में 17,000 करोड़ रुपये से बढ़कर वित्त वर्ष 25 की तीसरी तिमाही में 54,761 करोड़ रुपये हो गई है।