डॉ. पांजा ने कहा कि राज्य की मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री द्वारा स्वास्थ्य क्षेत्र में जो विकास किए गए हैं, उसे ध्यान में रखते हुए यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि स्वास्थ्य सेवाएं हर गांव तक पहुंचे और जहां कहीं भी कमी हो, उसे पूरा किया जाए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का उद्देश्य ग्रामीण इलाकों में भी उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना है।
उन्होंने आरजी कर आंदोलन के मुद्दे पर भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाओं से वे भी दुखी हैं, लेकिन यह भी देखा गया कि कुछ असत्य बातें और गलत जानकारी फैलाई गई, जिससे लोगों को गुमराह करने की कोशिश की गई।
उन्होंने कहा, "हमारे राज्य की मुख्यमंत्री ने राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं के उन्नयन के लिए जो कदम उठाए हैं, वे बहुत सराहनीय हैं। इन प्रयासों के तहत स्वास्थ्य सेवाओं को गांव-गांव तक पहुंचाना और जहां भी कोई कमी हो, उसे पूरा करना सुनिश्चित किया जा रहा है। इसी तरह के काम से हम स्वास्थ्य क्षेत्र में कई सुधार ला सकते हैं।"
उन्होंने आगे कहा, "आरजी कर मामले में आंदोलन के मुद्दे पर भी बात करना जरूरी है। हमने देखा कि एक दुखद घटना के बाद, कुछ गलत जानकारी और अफवाहें फैलाई गईं, जिसका मकसद लोगों को भटकाना था। ऐसे मामलों में राजनीतिक लाभ की कोशिशें भी की गईं, लेकिन हमें यह समझने की जरूरत है कि किसी भी तरह के आंदोलन में, खासकर जब बात लोगों के दर्द और संघर्ष की हो, उसमें सच्चाई और निष्पक्षता सबसे महत्वपूर्ण है।"
उन्होंने कहा, "हमारा प्रयास यह होना चाहिए कि हम प्रोग्रेसिव हेल्थ एसोसिएशन जैसे संगठनों का समर्थन करें ताकि स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार की दिशा में कदम उठाए जा सकें। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने साफ कहा है कि अगर उनका इस्तीफा न्याय दिलाने में मदद कर सकता है, तो वह इसके लिए भी तैयार हैं। लेकिन, दुर्भाग्य की बात है कि विपक्षी राजनीतिक दल इस संवेदनशील मुद्दे का राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि यह एक गंभीर और दुखद घटना है। यह स्थिति निश्चित रूप से दुखद और अस्वीकार्य है, क्योंकि इस तरह के मुद्दों को राजनीतिक मंच पर उठाना केवल स्थिति को बिगाड़ता है।"