
कैंपस में पूजा को लेकर विवाद तब शुरू हुआ, जब 24 जनवरी की रात रांची की तिरिल बस्ती में एमबीबीएस सेकेंड ईयर के छात्र पर हमले की एक घटना सामने आई। रिम्स प्रबंधन को जानकारी मिली थी कि इस घटना के पीछे सरस्वती पूजा के चंदे से जुड़ा विवाद है।
इस पर प्रबंधन ने 25 जनवरी को सख्त रुख अपनाते हुए कैंपस में सरस्वती पूजा मनाने पर प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी किया था। प्रबंधन का आदेश आते ही मेडिकल छात्र और जूनियर डॉक्टर आक्रोशित हो उठे। इसे लेकर सीएम और स्वास्थ्य मंत्री को टैग करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर कई पोस्ट किए गए।
आईएमए जूनियर डॉक्टर्स नेटवर्क (जेडीएन) के झारखंड प्रदेश अध्यक्ष डॉ. विकास कुमार ने लिखा, ''जब लड़ाई अस्तित्व की हो, तो लड़ना धर्म बन जाता है !! रिम्स प्रबंधन ने फैसला लिया है कि रिम्स में सरस्वती पूजा नहीं मनाई जाएगी और हवाला उसी घटना का दिया है, जो रिम्स परिसर में हुई ही नहीं है। ऐसा इतिहास में कभी नहीं हुआ है। यह पूजा नहीं हमारा अस्तित्व है I आज सरस्वती पूजा बंद की है। कल पता नहीं और क्या बंद किया जाएगा।''
जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन (जेडीए) ने 26 जनवरी को एक आपात बैठक कर प्रबंधन के इस फैसले के खिलाफ प्रदर्शन का निर्णय लिया। इस बीच जेडीए अध्यक्ष डॉ. अंकित कुमार और आईएमए जूनियर डॉक्टर्स नेटवर्क (जेडीएन) के झारखंड प्रदेश अध्यक्ष डॉ. विकास कुमार ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी से इस मामले में हस्तक्षेप की अपील की।
उनकी अपील के बाद स्वास्थ्य मंत्री ने रिम्स प्रबंधन को प्रतिबंध हटाने का निर्देश दिया।