डीसीपी के अनुसार, गाजीपुर थाना क्षेत्र में 25 जनवरी को एक जली हुई लाश मिलने की सूचना पर पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की। पुलिस को सूचना मिली थी कि एक व्यक्ति को जलाकर डंप कर दिया गया है। घटनास्थल पर पहुंचने पर पुलिस ने पाया कि शव पूरी तरह से जल चुका था, जिससे शिनाख्त करना मुश्किल था। इस मामले में पुलिस ने तुरंत एफआईआर दर्ज की और चार विशेष टीमें गठित कीं।
डीसीपी ने बताया कि सर्विलांस और सीसीटीवी फुटेज की मदद से पुलिस ने घटना के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी जुटाई। पुलिस ने पाया कि यह घटना 25 जनवरी को दोपहर 1 से 2 बजे के बीच घटित हुई थी। सीसीटीवी फुटेज से कुछ संदिग्ध गाड़ियों की पहचान की गई, जिनमें से एक गाड़ी के नंबर पर शक गहराया। जब पुलिस ने इस गाड़ी की जानकारी निकाली, तो पता चला कि इस गाड़ी के मालिक ने दो महीने पहले इसे एक व्यक्ति अमित तिवारी को बेची थी। अमित तिवारी गाजियाबाद के लोनी इलाके में रहता है।
उन्होंने कहा कि पुलिस ने अमित की तलाश शुरू की और उसे ग्रेटर नोएडा से गिरफ्तार किया। शुरू में अमित ने कोई जानकारी नहीं दी, लेकिन बाद में उसने स्वीकार किया कि उसने ही शिल्पा पांडे की हत्या की थी।
डीसीपी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि पुलिस ने जांच में पाया कि शिल्पा और अमित करीब एक साल से लिव-इन में रह रहे थे। शिल्पा शादी के लिए लगातार दबाव बना रही थी, जिससे अमित परेशान था। 25 जनवरी को एक बार फिर उनका झगड़ा हुआ और अमित ने गुस्से में आकर शिल्पा को मार डाला। हत्या के बाद, उसने शव को एक सूटकेस में पैक किया और अपने दोस्त अनुज कुमार की मदद से ठिकाने लगाने की योजना बनाई।
डीसीपी ने बताया कि दोनों ने शव को कहीं दूर फेंकने का प्रयास किया, लेकिन दिल्ली में सुरक्षा चेकिंग के कारण वे अपने मंसूबे को पूरा नहीं कर पाए। फिर उन्होंने गाजीपुर के एक निर्जन स्थान पर शव को जलाने का निर्णय लिया और वहां सूटकेस को आग के हवाले कर दिया।
उन्होंने बताया कि पुलिस ने दोनों आरोपियों अमित तिवारी और अनुज कुमार को गिरफ्तार कर लिया है।